Collector Kaise Bane – जानिये सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में

कलेक्टर नाम तो आपने सुना ही होगा, एक ऐसा नाम जिसे सुनते ही ज़ेहन में किसी राजा-महाराजा के बारे में अनुभूति अवश्य होती है। शायद इसीलिए ब्रिटिश काल में कलेक्टर को लाड़-साहबके नाम से जाना जाता था। ब्रिटिश काल में जिला कलेक्टर के पास बहुत ज़्यादा शक्तियां होती थी इन्हें देख कर ही भारतीयों के मन मे भी कलेक्टर बनने की इच्छा जागृत हुई और वे कलेक्टर बनने की परीक्षा पास करनें के लिए इंग्लैंड तक जाने लगे, यहाँ  आपको बता दे कलेक्टर बनाने वाली यानी सिविल सेवा परीक्षा पहले इंग्लैंड में ही आयोजित होती थी बाद में इसका भारत मे आयोजन होने लगा। आज हर कोई कलेक्टर बनने की चाहत रखता है और होना भी स्वाभाविक है क्योंकि कलेक्टर यानी जिलाधीश अर्थात ज़िले का राजा कलेक्टर ही तो होता है उसकी अनुमति के बिना ज़िले में कोई भी प्रशासनिक कार्य नहीं होता है। तो चलिये आज इस आर्टिकल में हम आपको Collector Kaise Bane इस जटिल से प्रश्न का आसान भाषा मे जवाब देते हैं। साथ हि इस आर्टिकल में हम आपको Collector की salary क्या होती है?, Collector Office कैसा होता है.?, Collector को क्या-क्या सुविधाएं मिलती है इन सभी बातों को विस्तार से बताएंगे।

Collector kaise bane कलेक्टर का पद सम्माननीय तो है ही साथ कलेक्टर को बहुत सारी सुविधाएं भी मिलती है जो कि कलेक्टर बनने के लिए आकर्षण का काम करती हैं। तो चलिए कलेक्टर के बारे में सम्पूर्ण जानकारी को चरणबद्ध तरीके से देखते हैं।

Collector कोन होता हैं?

कलेक्टर राज्य सरकार के लिए कार्य करने वाला एक उच्च प्रशासनिक अधिकारी होता हैं। कलेक्टर एक आईएएस अधिकारी के रुप में केंद्र सरकार द्वारा प्रतिनियुक्ति पर होता है जिसपर तात्कालिक नियंत्रण राज्य सरकार के पास होता है। कलेक्टर बनने पर आपको कई महत्वपूर्ण अधिकार मिल जाते हैं साथ ही यह पद बहुत ही सम्माननीय ओर गरिमामयी होता हैं। कलेक्टर की नियुक्ति एक जिले के ज़िलाधीश या डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के रुप में की जाती हैं अर्थात ज़िले के सारे प्रशासनिक काम-काज़ का नियंत्रण जिला कलेक्टर के हाथों में ही होता हैं।

कलेक्टर के कार्य एवं शक्तियां

एक कलेक्टर के रुप मे आपको कई दायित्वों का निर्वहन करना पड़ता हैं। कलेक्टर बनना जितना मुश्किल काम है उतने ही जटिल काम कलेक्टर के कार्यभार रुप में ज़िम्मे होता हैं। कलेक्टर के कार्य एवं शक्तियां इस प्रकार है :-

  • ज़िला योजना समिति की अध्यक्षता करना
  • ज़िला आपदा प्रकोष्ठ के समन्वयक के रुप मे
  • भूमि अधिग्रहण के समय आने वाली समस्या का निस्तारण करना
  • सरकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाना
  • बाह्य आक्रमण , आतंकवादी घटना, दंगा-फसाद जैसी स्थिति में नियंत्रण स्थापित करना
  • जिले के पुलिस कप्तान के साथ मिलकर कानून व्यवस्था बनाए रखना
  • राष्ट्रीय प्रतिनिधि जैसे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री आदि का जिले में आगमन पर सुरक्षा व्यवस्था का प्रबंधन करना
  • निर्वाचन के समय जिला निर्वाचन अधिकारी के रुप में चुनाव आयोग के प्रतिनिधि  बनके काम करना।

कलेक्टर कैसे बने

कलेक्टर बनने के लिए डायरेक्ट कोई परीक्षा आयोजित नहीं होती हैं बल्कि परीक्षा के माध्यम से आईएएस अधिकारी बनते हैं। प्रतिवर्ष संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से आईएएस अधिकारी बनते हैं। आईएएस बनने के बाद ट्रेनिग के लिए भेजा जाता हैं। ट्रेनिग पूरी करने के बाद आईएएस अधिकारी कई छोटे-छोटे पदों पर कार्य करते हैं। जिससे उन्हें जनता के बीच रहकर कार्य अनुभव हो जाये। कुछ वर्षों के कार्य अनुभव के बाद राज्य सरकारें एक आईएएस अधिकारी को कलेक्टर के रुप मे नियुक्ति देती हैं और इसप्रकार आप जिला कलेक्टर या DM बन जाते हैं।

कलेक्टर बनने की योग्यता

कलेक्टर बनने के लिए सबसे पहले आपको किसी भी विषय से 12वी कक्षा पास करना होती हैं। उसके बाद किसी भी मान्यता प्राप्त भारतीय विश्वविद्यालय से किसी भी विषय मे ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त करना होती है, हालांकि आप कॉलेज के अंतिम वर्ष में भी आवदेन कर सकते हैं। यहाँ 12वीं या ग्रेजुएशन में किसी भी प्रकार के परसेंटेज का निर्धारण नहीं किया गया है केवल आपको 33% प्रतिशत के साथ पास होना अनिवार्य हैं।

कलेक्टर बनने की आयु सीमा :-  UPSC द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष एवं अधिकतम 32 वर्ष निर्धारित की गई है। ओबीसी वर्ग के आवदेक को 3 वर्ष एवं एससी/एसटी वर्ग के आवेदकों को अधिकतम आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट प्रदान की जाती हैं।

कलेक्टर बनने की परीक्षा प्रक्रिया

कलेक्टर बनने के लिए आयोजित सिविल सेवा परीक्षा तीन चरणों मे आयोजित की जाती हैं। जिसमें प्रारम्भिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा एवं अंत मे साक्षात्कार परीक्षण होता हैं।

प्रारंभिक परीक्षा :- यह परीक्षा क्वालीफाइंग नैचर की होती है। इसमें 2 पेपर होते हैं जिसमे एक सामान्य अध्ययन और दूसरा सीसैट का होता हैं। इस परीक्षा के लिए प्रतिवर्ष 12 से 15 लाख लोग आवेदन करते हैं।

मुख्य परीक्षा :-  प्रारंभिक परीक्षा पास उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा देने का मौका मिलता हैं। यह परीक्षा ही सबसे महत्वपूर्ण एवं निर्णायक होती हैं। यह एक लिखित परीक्षा होती हैं इसमें सामान्य अध्ययन के विषयों के साथ- साथ वैकल्पिक विषय के भी 2 प्रश्नपत्र देने होते हैं। इस परीक्षा में लगभग 15 हज़ार लोग प्रतिवर्ष बैठते हैं।

साक्षात्कार :- यह मुख्य परीक्षा पास उम्मीदवारों के लिए आयोजित होता हैं। इसे पर्सनॉलिटी टेस्ट भी कहते हैं। इस प्रक्रिया में ज्ञान की परीक्षा न होकर आपके सम्पूर्ण व्यक्तित्व को परखने  के प्रयास किया जाता हैं। साक्षात्कार देने के लिए आपको दिल्ली स्थित UPSC के मुख्यालय में जाना पड़ता हैं।

ततीनों चरणों की परीक्षा पूर्ण होने के बाद आयोग द्वारा मैरिट सूची जारी की जाती हैं जिसमें अंतिम रुप से चयनित आवदेकों को ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता हैं।

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कलेक्टर की ट्रेनिंग 

सेलेक्शन के बाद फाउंडेशन ट्रेनिंग के लिए  सफल अधिकारियों को मसूरी के लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकडेमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन में भेजा जाता हैं। पहले चरण में नवनियुक्त अफसर को काफ़ी सख्त प्रशिक्षण दिया जाता है। आईएएस अधिकारियों की ट्रेनिंग काफ़ी रोचक और मजेदार होती हैं। प्रशिक्षण दो चरणों मे होता है। प्रशिक्षण 75 से लेकर 103 हफ्तों का होता हैं।

ऐकेडमिक प्रशिक्षण के बाद  इन अधिकारियों को भारत भ्रमण के लिये भेजा जाता हैं जहाँ वे देश की संस्कृति ओर विविधता से वास्तविक रुप में रुबरु होते हैं।

ज़िला प्रशिक्षण :- आईएएस ट्रेनी अफसर को एक साल तक जिला प्रशिक्षण से गुज़रना होता है। इस दौरान वे देश की ज़मीनी हकीकत से रुबरु होतें हैं तथा देश के लोगों के साथ मिलकर काम करतें हैं यही से कलेक्टर बनने की प्रक्रिया शुरु होती हैं।

इस तरह प्रशिक्षित अफसर कई पदों पर काम करतें है जिसमें एसडीएम भी एक महत्वपूर्ण पद हैं। इसके बाद कार्य अनुभव होने के उपरांत इन अफसरों को राज्य शासन District Collector के रुप में पदोन्नत करती हैं।

कलेक्टर वेतन और सुविधाएं

कलेक्टर सरकार का क्लास ए ऑफिसर होता हैं इसलिए Collector Salary  के रुप मे औसतन सालाना  ₹9 लाख से ₹15 लाख तक का वेतन मिलता है जिसमें कई प्रकार के भत्ते भी शामिल होते हैं।

Collector Office

Collector Office ज़िला मुख्यालय में स्थित होता हैं जिसमें विभिन्न विभागों के कई अधिकारी काम करतें है जो कि कलेक्टर के सहयोगी होते हैं। कलेक्टर को मिलने वाली सुविधाएं इस प्रकार हैं :-

  •  कार्य क्षेत्र में रहने के लिए सरकारी बंगला आवंटित होता है।
  • सरकार की तरफ से परिवहन के लिए शासकीय वाहन भी दिया जाता हैं।
  • घर के लिए कार ड्राइवर ओर नोकर भी दिये जाते हैं
  • इसके अलावा बंगले पर काम करने के लिए चपरासी, माली, कुक ओर अन्य सहायकों को उपलब्ध करवाया जाता है।
  • सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा हथियारबंद सुरक्षा गार्ड भी उपलब्ध करवाये जाते हैं।

 

Collector in Brief :- दोस्तों इस आर्टिकल में हमनें Collector kaise Bane  और कलेक्टर की जॉब प्रोफाइल ओर सुविधा आदि सभी बातों को विस्तार से देखा। आपकी तरह कलेक्टर बनने की इच्छा रखने वाले मेहनती युवाओं के साथ इस आर्टिकल को शेयर जरूर करें साथ ही कोई भी प्रश्न हो तो कमेंट बॉक्स में ज़रूर पुछे हमारी टीम आपका जवाब अवश्य देगी। धन्यवाद..!!

कलेक्टर के बारें में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

कलेक्टर बनने के लिए कौन सी पढ़ाई करनी चाहिए?

कलेक्टर बनने के लिए आपको किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री चाहिए। यदि आप ग्रेजुएशन के अंतिम वर्ष में है तो भी आप इस परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं।

कलेक्टर की 1 महीने की सैलरी कितनी होती है?

कलेक्टर की एक महीने की सैलरी 90 हज़ार से 1.5 लाख के बीच होती हैं। इसमें सैलरी के अलावा अन्य कई भत्ते भी शामिल होते हैं।

आईएएस बनने के लिए 12वीं में कितनी परसेंटेज चाहिए?

आईएएस या कलेक्टर बनने के लिए 12वीं कक्षा 33% के साथ किसी भी विषय मे उत्तीर्ण होना आवश्यक हैं।

कलेक्टर बनने के लिए कितनी उम्र चाहिए?

आईएएस बनने के लिए UPSC द्वारा 21 से 32 वर्ष की उम्र सीमा निर्धारित की है। अनुभवी आईएएस अफसर को सरकार द्वारा कलेक्टर के रुप में पदोन्नति दी जाती हैं।

कलेक्टर के लिए कौन सी पढ़ाई करें?

कलेक्टर बनने के लिए ग्रेजुएशन के बाद आपको सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करना पड़ती हैं। इसके लिए प्रतिवर्ष UPSC द्वारा परीक्षा आयोजित की जाती हैं।