इंजीनियरिंग कोर्स कितनें प्रकार के होते हैं : जानिये हिंदी में

जब छोटे बच्चें स्कूल में पड़ रहे होते हैं तब उनसे कोई भी पूछता है कि बेटा आप आगे जाकर क्या बनोंगे..? तब बहुत से बच्चे जवाब देते है कि में तो इंजीनियर बनूँगा लेकिन उन्हें यह पता नहीं होता है कि किस तरह का इंजीनियर बनना हैं तो फिर आइये दोस्तों आज के इस लेख में हम इंजीनियरिंग कोर्स कितने प्रकार के होते हैं, आदि के बारे में विस्तार से चर्चा करने वाले है।

इंजीनियरिंग कोर्स

Engineering में ढेरों प्रकार के कोर्स है और हर कोर्स का अपना महत्व हैं। कुछ महत्वपूर्ण इंजीनियरिंग कोर्स के बारें में हम देखेंगे और यह जानने का प्रयास करनेगें की इंजीनियरिंग कोर्स कितने प्रकार के होते हैं।

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इंजीनियरिंग कोर्स के प्रकार (Type of engineering in Hindi)

दोस्तों engineering गणित और विज्ञान का एक अद्भुत संयोग है जिसका मुख्य काम किसी चीज़ को बनाना और नई-नई तकनीक विकसीत  करना हैं। इंजीनियर को हिंदी में अभियंता कहते हैं जिसका अर्थ होता है निर्माण करना। धरती पर हो रही हर घटना में निश्चित रूप से किसी न किसी प्रकार की इंजीनियरिंग अवश्य लगी होती हैं। दुनियाभर में इंजीनियरिंग के सैकड़ों प्रकार है लेकिन उनमें से कुछ महत्वपूर्ण इंजीनियरिंग कोर्स के बारे में हम विस्तार से चर्चा करेंगे :-

  • Civil Engineering
  • Mechanical Engineering
  • Software Engineering
  • Chemical Engineering
  • Biomedical Engineering
  • Automobile Engineering
  • Marine Engineering
  • Genetic Engineering
  • Communication engineering
  • Aeronautical engineering
  • Computer science engineering
  • Electrical engineering
  • Electronics engineering
  • Biotechnology engineering
  • Industrial engineering
  • Environment engineering
  • Metallurgical engineering
  • Textile engineering
  • Petroleum engineering

तो आइये फिर एक-एक करके इन सभी इंजीनियरिंग कोर्स के बारे में विस्तार से जानते हैं।

 

इंजीनियरिंग कोर्स

Civil Engineering

आपने लगभग हर इंजीनियरिंग कॉलेज में यह नाम जरुर सुना होंगा क्योंकि सिविल इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग कोर्स की एक बहुत पुरानी शाखा हैं। सिविल इंजीनियर का मुख्य काम कंस्ट्रक्शन से जुड़ा होता है मतलब डेम, घर, सड़क, भवन, एयरपोर्ट, रेलवे लाइन आदि के निर्माण सम्बंधित रुपरेखा बनाना और कार्य पूरा होने तक वर्करों का मार्गदर्शन करना।

अगर आपकी भी रुचि Civil Engineering में है तो आप भी यह कोर्स कर सकते हैं। इसमें सैलरी पैकेज भी अच्छा मिलता हैं।

 

Mechanical Engineering

सड़क पर चलते वाहन, हवा में उड़ता हवाई जहाज, पटरी पर दौड़ती रेलगाड़ी इन सब मे मेकैनिकल इंजीनियरिंग का ही प्रयोग हुआ हैं। दुनिया मे शायद ही कोई ऐसी मशीनरी होगी जिसमें  मैकेनिकल इंजीनियरिंग का प्रयोग न हुआ हो।

मशीनों के पुर्जो का निर्माण, नई मशीनों को बनाना, मशीनों को ऑपरेट करना आदि एक मेकेनिकल इंजीनियर का ही काम होता हैं। आप भी मेकेनिकल इंजीनियर बन सकते हैं क्योंकि भविष्य में इसका बहुत Scope रहता हैं और हर दिन-प्रतिदिन हर जगह ये तकनीक काम आती ही रहती हैं।

 

Software Engineering

कोरोना काल के बाद से इस देश-दुनिया में इंजीनियरिंग क्षेत्र में आईटी सेक्टर एकदम सुपर बूम पर है। आज देश मे सॉफ्टवेयर इंजीनियर की बहुत ज़्यादा चर्चा है क्योंकि इसमें वर्क लोड सबसे कम होता है और सैलरी पैकेज सबसे ज़्यादा होता हैं।

सॉफ्टवेयर बनाना, वेबसाइट बनाना, मोबाइल एप्प को बनाना जैसे तकनीकी काम एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ही करता है। अगर आप भी इंजीनियरिंग करनें की सोच रहे हैं तो सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना भी एक अच्छा विकल्प हो सकता हैं।

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Chemical Engineering

नाम से ही एकदम स्पष्ठ है केमिकल यानी रसायन से जुड़े काम करने वाला इंजीनियर। इस इंजीनियरिंग कोर्स में केमिकल प्रोडक्शन, केमिकल के बारे में रिसर्च आदि के बारे में पड़ना होता हैं।

इसमें कच्चे केमिकल मटेरियल को इस्तेमाल करके कपड़े, खाने पीने की चीजें आदि बनाई जाती है। हमारे आस-पास हर उपयोगी वस्तु में कही न कही रसायन जुड़ा ही होता हैं। अगर आप भी केमिकल इंजीनियर बनना चाहते है तो यह आपके लिए एक अच्छी जॉब होगी क्योंकि इस कोर्स को बहुत कम लोग करते हैं।

 

Biomedical Engineering

बायोमेडिकल इंजीनियर के अंतर्गत मानव स्वास्थ्य में सुधार के लिए नए उपकरणों को विकसित करने के लिए प्रौद्योगिकी और चिकित्सा में प्रगति पर ध्यान केंद्रित किया जाता हैं । उदाहरण के लिए, वे नए दवा उपचारों का परीक्षण करने के लिए चिकित्सा उपकरण या कंप्यूटर सिमुलेशन चलाने के लिए सॉफ़्टवेयर डिज़ाइन करना। कोरोना के लिए वैक्सीन निर्माण में बॉयोमेडिकल इंजीनियरिंग का महत्वपूर्ण योगदान रहा हैं।

नीट एग्जाम पास किये बिना भी आप डॉक्टर बन सकते है

 

Automobile Engineering

Automobile का मतलब  vehicles से सम्बंधित होता हैं अर्थात जिन विद्यार्थियों की रुचि वाहनों के प्रति है वो इस क्षेत्र में अपना कैरियर बना सकते हैं। AutoMobile Engineering  के अंतर्गत अलग-अलग प्रकार के व्हीकल्स  जैसे बस, ट्रक, ट्रैक्टर, बाइक, कार इत्यादि को डिज़ाइन करना और उनके प्रोडक्शन के लिए कार्य किया जाता है।

इंजीनियरिंग का यह कोर्स डिप्लोमा और डिग्री दोनों तरह से आप कर सकते हैं। इस कोर्स को करनें के बाद लाखों के पैकेज मिलना संभव है क्योंकि आज व्हीकल्स की हर एक को जरुरत है और इसका दायरा भी बढ़ता जा रहा हैं।

 

Marine Engineering

Marine शब्द समुद्र से सम्बंधित होता हैं। इंजीनियरिंग करनें के बाद अगर आप ऐसी जगह काम करना चाहते है जहाँ आपको समुद्र में घूमना मिले, जहाजों में काम करना मिले तो Marine Engineering आपके लिए बेस्ट विकल्प हो सकती हैं। Marine Engineer बनने के बाद आपको समुद्री जहाजों तथा उसके अलग-अलग मशीनों के रिपेयर, कंस्ट्रक्शन और मेंटेनेंस का काम करना होता है।

इंजीनियरिंग कोर्स में यह एक अच्छा विकल्प है, एक मरीन इंजीनियर की सैलरी 50 से 70 हजार तक हो सकती है।

 

Genetic Engineering

जेनेटिक इंजीनियरिंग के द्वारा कोई वैज्ञानिक वांछनीय जीन को एक पौधे या जीव से दूसरे पौधे या किसी जीव या इसके विपरीत स्थानांतरित करने में सक्षम होते हैं। जेनेटिक इंजीनियरिंग एक ऐसी तकनीक है जिसमें एक विशिष्ट जीन को चुना जा सकता है और प्राप्तकर्ता जीव में प्रत्यारोपित किया जा सकता है। जेनेटिक इंजीनियरिंग के द्वारा ही कई तरह के नए पेड़-पौधे और फ़सले विकसित कि गई हैं जैसे कि गोल्डन राइस, बीटी बैंगन आदि।

जेनेटिक इंजीनियरिंग एक अनुसंधान वाली जॉब है। अगर आप भी इसमें रुचि रखते है तो यह आपके लिए एक बेहतरीन जॉब हो सकती हैं।

 

Communication engineering

सूचना और संचार के इस युग में कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग का बड़ा महत्व हैं। यह कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग से काफी मिलता झूलता कोर्स है। इसके अंतर्गत Optical Communication, Digital Communication और Advance Communication जैसे कार्यों  को विस्तार से स्टडी करना होता हैं।

इस कोर्स का भी महत्व समय के साथ बढ़ता जा रहा है क्योंकि डिजिटल भारत का निर्माण बिना सूचना और संचार के संभव नहीं हैं।

 

Aeronautical engineering

एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के अंतर्गत Aircraft को ऑपरेट करने की Technique और Flights Capable मशीन की Study, Designed और Maintance से जुड़े सभी कार्य शामिल होते हैं। इस कोर्स के तहत इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स और यंग प्रोफेशनल्स को Commercial या Military एयरक्राफ्ट, मिसाइल्स और स्पेसक्राफ्ट्स के कंस्ट्रक्शन, डिजाइनिंग, टेस्टिंग और एनालिसिस की विशेष ट्रेनिंग दी जाती है। एयरोनॉटिक इंजीनियरिंग में प्रोपल्शन, मेटीरियल्स साइंस, एवियोनिक्स और एरोडायनामिक्स को भी शामिल किया जाता है।

टेक्नोलॉजी के इस समय में ऐरोनॉटिक इंजीनियरिंग की बहुत मांग है। अगर आप भी इंजीनियर बनना चाहते हैं तो एक बार इस प्रोफाइल पर भी अवश्य विचार करें।

कॉलेज में एडमिशन लेने से पहले यह जरूर पड़ लेना

 

Computer science engineering

कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (CSE) इन दिनों भारत में इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स के बीच सबसे लोकप्रिय कोर्सेज में से एक है। इस कोर्स के अंतर्गत कंप्यूटर प्रोग्रामिंग और नेटवर्किंग के बेसिक एलिमेंट्स के बारे में विस्तार से अध्ययन किया जाता है। कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग करने वाले स्टूडेंट्स को हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के संबंध में इनफॉर्मेशन सिस्टम की डिजाइनिंग, इम्प्लीमेंटेशन और मैनेजमेंट के बारे में भी पढ़ाई करवाई जाती है।

कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग का संबंध इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, मैथमेटिक्स और लिंग्विस्टिक्स से भी है। आप कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हैं तो आप सॉफ्टवेयर इंजीनियर की भांति भी काम कर सकते हैं यह इसका सबसे बड़ा फायदा हैं।

 

Electrical engineering

Electrical Engineering के बारे में तो आप सभी ने कभी न कभी अवश्य सुना ही होगा और नाम से भी पता चलता है कि इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग इलेक्ट्रिसिटी से संबंधित है।

बिना Electricity के आज कोई भी काम संभव नहीं है।  इस कोर्स में इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट्स की डिजाइनिंग, विनिर्माण और कार्य कुशलता आदि के बारे में पढ़ाया जाता है।

बड़े इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट्स में खराबी या दिक्कत आने पर भी इलेक्ट्रिकल इंजीनियर की सहायता की आवश्यकता पड़ती है। इलेक्ट्रिक जनरेटर, इलेक्ट्रिक मोटर और अन्य ढ़ेरो इलैक्ट्रिक उपरकणो की रोज़ाना ही आवश्यकता पड़ती है इसलिए इस क्षेत्र में इंजीनियरिंग करना भी एक अच्छा विकल्प हैं।

 

Biotechnology engineering

बायो-टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग यानी जैव प्रौद्योगिकी अभियांत्रिकी एक ऐसी तकनीक है जिसमें जीवधारियों या जीवधारियों से प्राप्त होने वाले पदार्थों का उपयोग करके उत्पादों का निर्माण या उनमें सुधार का अध्ययन किया जाता है। इसके अंतर्गत अनेक क्षेत्र सम्मिलित हैं, जैसे स्वास्थ्य और चिकित्सा, कृषि, पशुपालन, उद्योग और पर्यावरण आदि भी शामिल किए जाते हैं।

जैव प्रौद्योगिकी का अपना महत्व हैं और फिर यह शाखा विविधता वाली हैं इसलिए इंजीनियरिंग की यह प्रोफाइल भी अच्छी हैं।

 

Industrial engineering

भारतीय अर्थव्यवस्था का द्वितीयक क्षेत्र यानी उद्योग व्यवसाय होता हैं। भारत की अर्थव्यवस्था काफी हद तक उद्योगों के जिम्मे टिकी हुई हैं। और इस उद्योग व्यवस्था को सुचारु रुप  Industrial Engineer प्रदान करते है। एक इंडस्ट्रीयल इंजीनियर के रुप मे आप मशीनों की देख-रेख, प्रोडक्शन, टाइम मैनेजमेंट जैसी व्यवस्था को देखने का काम करते हैं।

 

Environment engineering

आज पर्यावरण को बचाना एक वैश्विक मुद्दा बन गया है क्योंकि मानव ने पर्यावरण का बहुत अधिक अतिदोहन किया है। साथ ही हमें पर्यावरण से मिलने वाले संसाधनों का भी उपयोग करना है लेकिन भावी पीढ़ी की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, सतत विकास की अवधारणा को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ना हैं।

एक पर्यावरण इंजीनियर, पर्यावरण से जुड़े सभी क्रियाकलापों का अध्ययन करता हैं एवं प्रकृति के संरक्षण के लिये काम करता हैं। इंजीनियरिंग की इस ब्रांच के बारे में बहुत कम लोगो को जानकारी है इसलिए भी यह कोर्स महत्वपूर्ण हो जाता हैं।

 

Metallurgical engineering

मेटलर्जिस्ट इंजीनियर एक तरह के साइंटिस्ट होते हैं। जिन्हें लोहे, तांबे, पीतल, जस्ता, कांसा एल्युमिनियम, स्टील और कॉपर जैसे मेटल्स में विशेषज्ञता हासिल होती है। वह इन्हीं विशेषताओं के आधार पर  लगातार काम करते हैं। इनको मटीरियल साइंस इंजीनियर या फिर साइंटिस्ट भी कहते हैं।

मेटलर्जिकल इंजीनियर धातु से बने प्रोडक्ट का एनालिसिस करते हैं, धातु के लिए नई तरह की खोज पर काम करते हैं और इन धातुओं को मजबूती प्रदान करने का काम करते हैं। इंजीनियरिंग की यह शाखा भी बहुत कम लोगो मे जानी जाती हैं लेकिन इस जॉब पर काम करते हुए आपको अच्छा वेतनमान मिल सकता हैं।

 

Textile engineering

टेक्सटाइल यानी वस्त्र अथवा कपड़े निर्माण से सम्बंधित इंजीनियरिंग की यह भी एक शाखा हैं। टेक्सटाइल सेक्‍टर में रंग, वस्त्र, फाइबर, मशीनरी उत्पाद, कपड़ा और परिधान प्रक्रियाओं को डिजाइन और नियंत्रित करने की प्रक्रिया को शामिल किया जाता है। जिसमें फैशनेबल कपड़ों की मांग को ध्यान में रखते हुए, बहुत ज्यादा रिसर्च, क्रिएटिविटी और इनोवेशन की जरूरत को पूरा करने की चुनोती होती है।

आज वस्त्र निर्माण उद्योगों को अच्छे टेक्सटाइल इंजीनियरों की काफी आवश्यकता है क्योंकि वस्त्र निर्माण उद्योग का देश-विदेश में बहुत बड़ा बाज़ार हैं।

 

Petroleum engineering

आज पेट्रोलियम उत्पादों का उपयोग लगभग हर जगह बहुतायत में हो रहा हैं। आपको ज्ञात होगा ये उत्पाद हमें प्रकति से सीधे प्राप्त न होकर मिश्रित रुप में प्राप्त होते हैं इसलिए हमें इन उत्पादों को परिष्कृत करना पड़ता हैं और यह काम पेट्रोलियम इंजीनियर के द्वारा ही होता हैं। पेट्रोलियम इंजीनियर का काम आयल, नेचुरल गैस जैसी चीजों की खोज करना और उन्हें हमारे लिए उन्हें उपयोगी बनाना है।

 

निष्कर्ष :-  दोस्तों इंजीनियरिंग कोर्स के प्रकार नाम के इस लेख में हमने इंजीनियरिंग की विभिन्न शाखाओं के बारे में समझा-देखा लेकिन मेरे लिए यहाँ यह निष्कर्ष निकालना दुविधापूर्ण है कि किस फील्ड में आपको इंजीनियरिंग के लिए सुझाव दु क्योंकि हर व्यक्ति की अपनी अलग पसन्द होती हैं और सैलेरी पैकेज की बात करे तो यह आपकी कार्यकुशलता पर बहुत कुछ निर्भर करता हैं। लेकिन फिर भी मुझे लगता है कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर की जॉब अन्य इंजीनियरिंग जॉब के मुकाबले थोडा ठीक है क्योंकि इस जॉब में वर्क प्रेशर इस तरह का नहीं रहता जैसा अन्य में हैं साथ ही सैलरी भी बहुत जल्दी बढ़ती रहती है। आप इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लेने से पहले सभी कोर्स के बारे में विस्तार से अध्ययन करें और अपनी पसंद के कोर्स में ही प्रवेश लेवे।

अगर फिर भी आपके मन मे कोई सवाल या सुझाव है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। साथ ही लेख पसन्द आये तो दोस्तों के साथ शेयर अवश्य करें।

धन्यवाद..!

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