देश के एक ऐसे प्रधानमंत्री जिनकी मृत्यु आज भी रहस्य है, देश के एक ऐसे प्रधानमंत्री जिन्हें पाकिस्तान पर युद्ध विजेता के नाम से जाना जाता है। देश के एक ऐसे प्रधानमंत्री जिन्होंने अपने व्यक्तिगत कार्यों के लिए कार खरीदने के लिए बैंक से लोन लिया और उसे जब तक जीवित रहे तब तक चुकाते भी रहें। जी हाँ हम बात कर रहे है देश के दूसरे प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी के बारे में जो आपकी सादगी और राष्ट्रभक्ति के लिए आज भी देश भर म याद किये जाते है। दोस्तो हमने शास्त्री जी के जीवन के महत्तवपूर्ण सूत्रों को Lal Bahadur Shastri Biography in Hindi नाम के इस लेख में संकलित किया हैं।
लाल बहादुर शास्त्र जी देश के सच्चे लाल थे जिन्हें राष्ट्र निर्माण में अपना सम्प्रदाय जीवन समर्पित कर दिया और राष्ट्र के लिए ही कार्य करते हुए अपने प्राण भी न्यौछावर कर दिए। आईये Lal Bahadur Shastri Biography in Hindi को पढ़ते है एवं शास्त्री जी के जीवन संघर्षों को जानने का प्रयास करते हैं।
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Lal Bahadur Shastri Biography in Hindi [लाल बहादुर शास्त्री का जीवन परिचय]
लाल बहादुर शास्त्री जी का सम्पूर्ण जीवन संघर्षों भरा रहा, उनके जीवन की संक्षिप्त जानकारी को इस तालिका के माध्यम से जानेंगे तत्पश्चात उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को देखेंगे।
परिचय बिंदु | शास्त्री जी जीवन परिचय |
पूर्ण नाम | लाल बहादुर शास्त्री |
जन्म समय | 2 अक्टूबर 1904 |
जन्म स्थान | मुगलसराय, उत्तरप्रदेश |
पालक | राम दुलारी एवं मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव |
मृत्यु | 11/01/1966 (ताशकंद) |
धर्मपत्नी | श्रीमती ललिता देवी |
बच्चे | 2 लड़कियां व 4 लड़के |
राजनैतिक पार्टी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
जाति | कायस्थ |
धर्म | हिन्दू |
लाल बहादुर शास्त्री जी के पिता एक प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक थे जिन्हें लोग मुंशी जी के नाम से जानते थे।
Lal Bahadur Shastri Early Life [लाल बहादुर शास्त्री का आरंभिक जीवन]
शास्त्री जो को बचपन मे उनके परिवार के सदस्य उन्हें नन्हें कहकर पुकारते थे। लाल बहादुर शास्त्री जी के पिता जी की मृत्यु बचपन में ही हो गयी थी तत्पश्चात उनकी माता उन्हें लेकर अपने पिता के घर मिर्जापुर आ गई जिसके कुछ समय पश्चात ही शास्त्री जी के नाना का भी स्वर्गवास हो गया।
शास्त्री जी की प्रारंभिक शिक्षा मिर्ज़ापुर में ही संपन्न हुई एवं आगे की पढ़ाई उन्होंने हरिश्चंद्र हाई स्कूल एवं काशी-विद्यापीठ से पूर्ण करी। लाल बहादुर शास्त्री ने संस्कृत विषय के साथ स्नातक को उपाधि प्राप्त की। उन्हें काशी विद्यापीठ से ही शास्त्री की उपाधि को प्राप्त किया और तभी से इसे अपने नाम से जोड़ लिया।
सन 1928 में लाल बहादुर शास्त्री जी का विवाह ललिता शास्त्री के साथ हुआ जिनसे उन्हें छह संतानों की प्राप्ति हुई।
विकास दिव्यकिर्ती एवं अलख पांडे सर की जीवनी देशभर के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं। आप इन्हें भी अवश्य पड़े।
Lal Bhadur Shastri Freedom Struggle [लाल बहादुर शास्त्री के स्वतंत्रता संघर्ष]
आज़ादी की लड़ाई में शास्त्री जी ने “मरो नही मारो” का नारा दिया जिसने सम्पूर्ण राष्ट्र में स्वत्रंता की क्रांति को और भी तीव्र कर दिया। शास्त्री जी एक गाँधीवादी नेता थे जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन राष्ट्र को समर्पित कर दिया। शास्त्री जी सभी सभी कार्यक्रमों एवं आंदोलनों में भाग लिया करते थे जिस कारण उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा। उन्होंने असहयोग आंदोलन, दांडी यात्रा एवं भारत छोड़ो यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया।
लाल बहादुर शास्त्री जी ने भारत छोड़ो आंदोलन में करो या मरो का नारा दिया किन्तु बाद में इसे मरो नहीं मारो के रूप मे परिवर्तित कर दिया और सम्पूर्ण राष्ट्र में चल रही क्रांति को और तीव्र कर दिया।
Lal Bhadur Shastri Political Career [राजनीतिक जीवन]
शास्त्री जी 17 वर्ष की उम्र से ही स्वतंत्रता आन्दोलन में देश की आज़ादी के लिए कार्यरत थे जहाँ उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा। देश की आज़ादी के बाद श्री गोविंद वल्लभ पन्त को उत्तरप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया तब श्री शास्त्री जी को उनकी प्रसाशनिक क्षमता एवं कार्यकुशलता को देखते हुए संसदीय सचिव बनाया गया। बाद में उन्हें श्री पंत जी के मंत्रिमंडल में ही पुलिस विभाग दिया गया तथा परिवहन मंत्री भी बनाया गया।
सन 1952 में हुए आम चुनावों के दौरान में शास्त्री जी को केंद्रीय मंत्रिमंडल में रेल मंत्री के रुप में नियुक्त किया गया। किन्तु 1926 में एक रेल दुर्घटना की जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने त्यागपत्र दे दिया था जिसके पश्चात उन्हें भारत के गृहमंत्री के रुप मे भी कार्य करने का सौभाग्य मिला।
वर्ष 1964 में पंडित नेहरु की आकस्मिक मृत्यु के बाद श्री लाल बहादुर शास्त्री को भारत के दूसरे प्रधानमंत्री के रुप में चुना गया। इनके कार्यकाल में ही 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्व हुआ जिसमें शास्त्री जी ने कुशलतापूर्वक देश का नेतृत्व किया एवं पाकिस्तान को कड़ी शिकस्त दी।
Lal Bahadur Shastri Death [लाल बहादुर शास्त्री की मौत का राज]
1965 के भारत-पाक युद्ध के बाद रुस एवं अमेरिका के दबाव पर शास्त्री जी शांति समझौते हेतु रुस की राजधानी ताशकंद में पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान से मिले। ऐसा कहा जाता है कि शास्त्री जी से दबाव बनाकर समझौते पर हस्ताक्षर करवाये गये। 11 जनवरी 1966 को समझौते की रात को ही रहस्यपूर्ण तरीके से शास्त्री जी की मृत्यु हो गई। कुछ सूत्र कहते है कि दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हुई थी किन्तु कुछ तथ्यों से पता चलता है कि उनकी मृत्यु के बाद उनका पोस्टमार्टम नही किया गया क्योंकि उन्हें ज़हर देकर मारा गया था।
इसप्रकार शास्त्री जी की मृत्यु आज भी एक रहस्य है जिसके बारे मे अब कोई खोजबीन नही की जाती हैं। उनकी मृत्यु के बाद यमुना के किनारे उनका अंतिम संस्कार किया गया जिसे बाद में “विजय-घाट” नाम प्रदान किया गया।
दोस्तों इस प्रकार लाल बहादुर शास्त्री हमारे देश के स्वर्णिम भारत के निर्माण मे अहम भूमिका निभाने वाले सच्चे लाल हैं। शास्त्री जी के जीवन पर लिखा गया यह लेख आपको काफी पसंद आया होगा। अपके सुझावों एवं प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा।
FAQ’s
Q : लाल बहादुर शास्त्री जी ने देश के लिए क्या किया ?
Ans:- शास्त्री जी ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया साथ ही आज़ाद भारत की सक्रिय राजनीति में भी अहम भूमिका निभाई।
Q : लाल बहादुर शास्त्री जी के बचपन का नाम क्या था ?
Ans:- लाल बहादुर शास्त्री जी के बचपन का नाम लाल बहादुर वर्मा था। बाद में उन्हें काशी विद्यापीठ से शास्त्री की उपाधि प्राप्त हुई।
Q: लाल बहादुर शास्त्री जी की सबसे बड़ी विशेषता क्या थी?
Ans :- लाल बहादुर शास्त्री की सबसे बड़ी विशेषता उनके इतने बड़े पद पर रहते हुए भी उनका सादगीपूर्ण जीवन व्यतीत करना हैं।
Q: लाल बहादुर शास्त्री जी को भारत रत्न कब मिला?
Ans:- लालबहादुर शास्त्री जी को उनकी देशभक्ति, एवं समर्पण के लिए उनके मरणोपरांत 1966 में भारत के सर्वश्रेष्ठ पुरुष्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया।