8th Day of Navratri महत्व, आराधना, पूजा विधि

हिंदू धर्म में नवरात्रि, मां दुर्गा की पूजा और आराधना के रूप में मनाया जाता है । इस अद्वितीय त्योहार के दौरान, भक्त नौ दिनों तक मां दुर्गा की आराधना करते हैं. प्रत्येक दिन का अपना अलग महत्व है । आठवें दिन की पूजा बहुत महत्वपूर्ण है और इसे” महागौरी” कहा जाता है । इस लेख में हम नवरात्रि के आठवें दिन की पूजा विधि और इसके महत्व पर चर्चा करेंगे ।

नवरात्रि का महत्व

नवरात्रि का महत्व हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस त्योहार के दौरान देवी दुर्गा की आराधना और पूजा की जाती है, जिससे भक्त उनकी शक्ति, साहस, और कृपा के लिए प्रार्थना करते हैं । यह नौ दिनों का उत्सव होता है और इसके हर दिन का विशेष महत्व होता है, जो दुर्गा माता की अलग- अलग स्वरूपों की पूजा के लिए जाना जाता है ।

माहागौरी देवी का स्वरूप

माहागौरी देवी का स्वरूप अत्यंत पवित्र और प्राचीन है । वह साफ सफेद वस्त्र पहनती हैं, जिससे उनका नाम” माहागौरी” आया है । उनकी आँखों का रंग भी बहुत ही नीला होता है, जिससे वे अत्यंत सुंदर और पवित्र दिखती हैं । उनके हाथों में त्रिशूल होता है, और वे अपने भक्तों को सभी प्रकार की संकटों से मुक्ति दिलाने की माँ कहलाती हैं ।

महागौरी पूजा के अनुष्ठान

महागौरी पूजा के दिन, भक्त उपवास का पालन करते हैं और दिन भर बिना भोजन के रहते हैं । व्रत के बाद, वे सायंकाल पूजा का आयोजन करते हैं और मां दुर्गा की मूर्ति की पूजा करते हैं ।

महागौरी पूजा के दिन, भक्त अपने मन, वचन, और क्रिया को धार्मिकता और शुद्धता में लाने का प्रयास करते हैं । वे मां दुर्गा की आराधना करते हैं और उनके चरणों में गाने और मंत्र जपने के माध्यम से उनके प्रति अपनी श्रद्धा और समर्पण का प्रकट करते हैं ।

महागौरी पूजा का अर्थ

महागौरी पूजा का अर्थ होता है मां दुर्गा के महागौरी रूप की पूजा करना, जो मां दुर्गा की शक्ति और साहस को प्रतिष्ठित करता है । इस दिन के व्रत से भक्त अपनी भावनाओं को नियंत्रित करते हैं और अपने जीवन में साफ़ सोच और साहस की ओर बढ़ते हैं ।

नवरात्रि के आठवें दिन का महत्व

नवरात्रि के आठवें दिन को आश्तमी कहते हैं, जिसमें देवी महागौरी की पूजा की जाती है । इस दिन भगवती महागौरी, दो मुख वाली देवी, मां दुर्गा का स्वरूप है । महागौरी का नाम दो शब्दों से बना है,” महा” और” गौरी”, जिसका अर्थ है” महान और सुंदर” । भक्त इस दिन पूजा करके देवी से शक्ति और सुंदरता की कृपा मांगते हैं ।

भक्त आश्तमी के दिन देवी की मूर्ति के सामने एक विशेष पूजा करते हैं । यह दिन देवी के प्रति अपने भक्तों की भक्ति और समर्पण का महत्वपूर्ण अवसर है ।

नवरात्रि के आठवें दिन की पूजा विधि

  • सफा- सुथरी तैयार हो जाएँ पूजा करने से पहले अपने आप को और भी आध्यात्मिक बनाने के लिए नहलें और शुद्ध कपड़े पहनें ।
  • मां दुर्गा की प्रतिमा को सजाने के लिए देवी महागौरी की मूर्ति को फूल, चादर, चंदन और आसन से सुंदर बनाएं ।
  • पूजा सामग्री बनाना पूजा के लिए धूप, दीपक, फूल, फल, मिठाई और नैवेद्य बनाएं ।
  • पूजा की शुरुआत पूजा शुरू करने के लिए देवी की प्रतिमा के सामने धूप और दीपक जलाएं ।
  • जप मंत्र आश्तमी के दिन, देवी महागौरी के मंत्र का जाप करें, जो उनकी कृपा और आशीर्वाद के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं ।
  • आरती पूजा के बाद, आरती करें और देवी की मूर्ति की प्रणाम करें ।
  • प्रसाद वितरण पूजा के प्रसाद को अपने परिवार और दोस्तों के साथ बाँटें

महागौरी देवी का स्वरूप

महागौरी देवी का स्वरूप सफेद रंग का होता है, और वह एक उज्वल और पवित्र व्यक्ति के रूप में प्रतिष्ठित है । उनके चेहरे पर खुशियों की मुस्कान होती है, और वे अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए सदैव तैयार रहती हैं । महागौरी देवी की आंखें अत्यंत खुशियों और संतोष का प्रतीक होती हैं, और उनके चेहरे पर एक अद्वितीय उर्वरित लक्षण होता है ।

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