Pitru Paksha | Shradh 2023 Start Date पिंडदान विधि, सामग्री लिस्ट के साथ पूरी डिटेल्स

श्राद्ध का आयोजन आमतौर पर पितृपक्ष के महीने में (भाद्रपद और आश्वयुज) किया जाता है, जो हिन्दू पंचांग के अनुसार अगस्त से सितंबर के आस-पास के महीने होते हैं। इसके दौरान, परिवार के लोग अपने पितरों के लिए श्राद्ध करते हैं, जिसमें वे उनकी आत्मा के लिए प्रार्थना करते हैं और उन्हें श्रांति और आत्मा की मुक्ति की कामना करते हैं।

“श्राद्ध” एक प्रमुख हिन्दू धार्मिक प्रक्रिया है जो पितृदेवों ( जीवन में गुजरने वाले आत्माओं) की याद में की जाती है। यह आमतौर पर पितृ पक्ष (पितरों के पक्ष) के पूर्वांशियों के आत्मा की शांति और आत्मा की मुक्ति के लिए किया जाता है। यह पूजा और दान के माध्यम से की जाती है और अक्सर पितृ तर्पण (ब्राह्मणों को भोजन और आदर देना) के साथ होती है।

श्राद्ध के दौरान कुछ परंपरागत विधियाँ होती हैं, जैसे कि तिलक और तर्पण देना, पितृदेवों के लिए अन्न बनाना, धूप और दीपक जलाना, आदि। इसके साथ ही दान (चादर, धन, और खाद्य) भी किया जाता है जो ब्राह्मणों और गरीबों को दिया जाता है।

श्राद्ध का आयोजन गहरी धार्मिक और परंपरागत महत्वपूर्णता रखता है और यह पितृदेवों के स्मरण के माध्यम से पितृ पक्ष के सदगति की कामना करता है।

Shradh पिंडदान विधि

श्राद्ध पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा पिंडदान होता है, जिसमें प्रित्येक श्राद्ध कार्य के दौरान पितृदेवों के लिए आवश्यक अर्पण किया जाता है। पिंडदान का मतलब होता है कि पितृदेवों के लिए एक विशेष प्रकार के आहुति या अर्पण का आयोजन किया जाता है, जिसमें पितृदेवों के आत्मा के लिए भोजन की यात्रा का प्रतीक होता है। निम्नलिखित है पिंडदान की विधि:

  1. श्राद्ध की तैयारी: पहले श्राद्ध के लिए सभी आवश्यक सामग्री तैयार करें। इसमें चावल, मूंग की दाल, घी, देवता का तिलक, धूप, दीपक, पूजा सामग्री, और पानी शामिल होते हैं।
  2. श्राद्ध स्थल की तैयारी: एक शुद्ध और पवित्र स्थल को तैयार करें, जहां पितृदेवों की पूजा की जाएगी।
  3. पितृदेवों की मूर्ति या फोटो: पितृदेवों की मूर्ति या उनकी फोटो को श्राद्ध स्थल पर स्थित करें।
  4. पिंड तैयारी: यह अर्थ है कि पितृदेवों के लिए बनाया गया पिंड तैयार करें। इसके लिए चावल और मूंग की दाल को उबाल कर गढ़ा बनाएं।
  5. पितृदेवों की पूजा: पितृदेवों की पूजा के लिए श्राद्धकर्ता को श्राद्ध स्थल पर बैठना चाहिए। उन्हें पितृदेवों के सामने अर्पण करने के लिए पिंड के साथ दीपक और धूप को उजागर करना चाहिए।
  6. पिंडदान का अर्पण: अब पिंड को पितृदेवों के नाम पर अर्पण करें। इसके बाद चावल, दाल, और घी को भी पितृदेवों के नाम पर अर्पण करें।
  7. आरती और प्रार्थना: अब आरती और प्रार्थना करें, जिसमें पितृदेवों से उनकी कृपा और आशीर्वाद की कामना करें।
  8. भोजन: श्राद्धकर्ता और उनके परिवार के लोग अब पितृदेवों के लिए बनाया गया भोजन खा सकते हैं।
  9. दान: श्राद्ध के दौरान दान देना भी अच्छा माना जाता है, जैसे कि अन्न, वस्त्र, और धन।
  10. अंत में पूजा का निवास: पितृदेवों की पूजा के बाद, इनका निवास स्थल ध्यान से सजाकर उनका सामग्री के साथ सत्यनारायण कथा या अन्य धार्मिक

Shradh 2023 Start Date

इस साल पितृपक्ष की शुरुआत 29 सितंबर 2023 दिन शुक्रवार से हो रही है. इस दिन पूर्णिमा की श्राद्ध और प्रतिपदा श्राद्ध है. वहीं पितृ पक्ष का समापन 14 अक्टूबर दिन शनिवार को होगा. पंचांग के अनुसार, 29 सितंबर को भाद्रपद पूर्णिमा दोपहर 03 बजकर 26 मिनट तक है और उसके बाद से आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू हो जाएगी, जो 30 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट तक है

  • 29 सितंबर 2023 दिन शुक्रवार- पूर्णिमा श्राद्ध
  • 29 सितंबर 2023 दिन शुक्रवार – प्रतिपदा श्राद्ध
  • 30 सितंबर 2023 दिन शनिवार- द्वितीया श्राद्ध
  • 1 अक्टूबर 2023 दिन रविवार – तृतीया श्राद्ध
  • 2 अक्टूबर 2023 दिन सोमवार- चतुर्थी श्राद्ध
  • 3 अक्टूबर 2023 दिन मंगलवार- पंचमी श्राद्ध
  • 4 अक्टूबर 2023 दिन बुधवार – षष्ठी श्राद्ध
  • 5 अक्टूबर 2023 दिन गुरुवार- सप्तमी श्राद्ध
  • 6 अक्टूबर 2023 दिन शुक्रवार – अष्टमी श्राद्ध
  • 7 अक्टूबर 2023 दिन शनिवार -नवमी श्राद्ध
  • 8 अक्टूबर 2023 दिन रविवार – दशमी श्राद्ध
  • 9 अक्टूबर 2023 दिन सोमवार- एकादशी श्राद्ध
  • 10 अक्टूबर 2023 दिन सोमवार- एकादशी श्राद्ध
  • 11 अक्टूबर 2023 दिन बुधवार- द्वादशी श्रद्ध
  • 12 अक्टूबर 2023 दिन गुरुवार – त्रयोदशी श्राद्ध
  • 13 अक्टूबर 2023 दिन शुक्रवार- चतुर्दशी श्राद्ध
  • 14 अक्टूबर 2023 दिन शनिवार सर्व पिन अमावस्या

Shradh सामग्री लिस्ट

  1. आवश्यक पूजा सामग्री:
    • पितृदेवों की मूर्ति, फोटो, या प्रतिमा
    • दीपक (लकड़ी की बत्ती और तेल)
    • धूप और धूपदीप (धूप की सुगंध)
    • दाना (अन्न, दाल, और घी)
    • फल और फूल (उपयोग के लिए)
    • जल (पानी)
    • कुश ग्रास (पूजा के लिए)
  2. अन्य पूजा सामग्री:
    • अगरबत्ती
    • रक्षा सूत्र (मौनी धागा)
    • सिंदूर या कुमकुम
    • कुश आशीर्वाद बुक (कथा पाठ के लिए)
    • कागज़, पेन, और पूजा का किताब (यदि आवश्यक)
  3. भोजन की सामग्री:
    • श्राद्धकर्ता और उनके परिवार के लिए भोजन की व्यवस्था के लिए खाद्य सामग्री
    • उपयुक्त आहार जैसे कि दाल, चावल, सब्जियां, रोटी, और मिठाई
    • पितृदेवों के लिए खाद्य जैसे कि किस्समिस, नारियल, और खीर

मृत्यु तिथि की जानकारी नहीं होने पर करें इस दिन Shradh

अगर आपको अपने पितरों के निधन की तिथि की जानकारी नहीं है तो ऐसे में आप सर्व पितृ अमावस्या के दिन उनके लिए श्राद्ध कर सकते हैं. इस दिन ज्ञात और अज्ञात सभी पितरों के लिए श्राद्ध किया जाता है.

Shradh पितृपक्ष 2023 प्रार्थना मंत्र

  1. पितृपक्ष प्रार्थना मंत्र (अवश्यक मंत्र): “ब्रह्मणे त्वनुब्रह्मणे त्वमेवाहमेति संचिन्तयन्। आस्तित्वेन मनसाऽपि यस्य तत्त्वं स शान्तिमृच्छति।।”
  2. पितृपक्ष तर्पण मंत्र: “येऽन्ये पितरः कुर्वन्ति यानि दात्रा दिनानि च। ये चैव यानि कुर्वन्ति सर्वाणि तानि प्रयातु ते।।”
  3. पितृपक्ष शांति मंत्र: “यः पितृपक्षे सपिण्डाकाले सर्वपितृभ्यो निवेद्य दियति। स सर्वदुःखैः पीड्यमानो मुक्तिं स याति नरः सुखानि च।।”
  4. अर्जुन पितृपक्ष मंत्र: “यदि देवा दयालु न भवन्ति। ये चापि याचकाः पितरः न भवन्ति। ते मां याचन्ति अनिन्दिता यचन्ति। निरिन्दितान्तः पितृभिः सह।”

WhatsApp Group (Join Now)

Join Now

Telegram Group (Join Now)

Join Now

Leave a Comment