PCOD Kya Hota Hai: क्या आप भी पीसीओडी के दर्द से परेशान हैं ? जानिए कारण, लक्षण और उपचार

PCOD Kise Kahte Hain: फ्रेंड्स हमारे शरीर में हमारी उम्र के साथ साथ कई अन्य प्रकार के परिवर्तन होते है, इनमें हमारे शरीर में जो हार्मोंस है उनका भी बदलना एक आम बात है।हार्मोन्स के असंतुलन या ठीक तरह से न होने के कारण महिलाओं को कई प्रकार की शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, PCOD भी इन्हीं समस्याओं में से एक समस्या बन गई है।PCOD आज कल हर 7 में से 2 महिलाओं को होने वाली बिमारी है इसके होने के कई कारण है PCOD का पूरा नाम पॉलिसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर है। इस बिमारी से पीड़ित महिलाओं के शरीर में पुरुष हार्मोन यानी एण्ड्रोजन का स्तर काफी बढ़ जाता है तथा उनके अंडाशय या फिर हम यह भी कह सकते है कि ओवरी में सिस्ट बनने लगते हैं।

अगर आप पॉलिसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर ( PCOD)के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार के बारे में बहुत ही विस्तार से जानना चाहते हैं तो यह ब्लॉग आपके लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकता है।

PCOD Kya Hota Hai: पीसीओडी क्या होता है

PCOD महिलाओं में होने वाली एक प्रकार से एक आम समस्या बन गई है जिसका मुख्य कारण विभिन्न प्रकार के हार्मोन्स में असंतुलन का होना है। हमारे शरीर में हार्मोन्स का असंतुलित होने के अनेक कारण से हो सकते हैं
तो आइए जानते हैं उन कारणों के बारे में। सामान्य से अधिक मोटापा का होना, शराब तथा सिगरेट कानिरंतर सेवन करना, अधिक मात्रा में तेल तथा तेल से बनी वस्तुओं का सेवन तथा अधिक मसाले वाली चीजों का सेवन करना, या अन्य कोई स्वास्थ्य संबंधित बिमारी या किसी अन्य प्रकार के रोग से ग्रसित होना, शारीरिक समस्याओं का होना आदि। PCOD की बिमारी के कारण महिलाओं को अनेक प्रकार की स्वास्थ्य से संबंधित अनेक प्रकार की दिक्कतों या परेशानी का सामना करना पड़ता है। जैसे कि महामारी का नियमित रुप से न आना, पीरियड्स नहीं आना, चेहरे पर मुंहासे और पिंपल्स का अधिक होना, अधिक लंबे समय में महामारी का आना, पेडू में महामारी के समय अधिक दर्द का होना और विशेषज्ञों के अनुसार यह माना गया है कि PCOD से ग्रसित महिलाओं को गर्भधारण या प्रेगनेंसी कैंसिव करने में बहुत परेशानियो का सामना करना पड़ता है। और इसके कारण कई महिलाओं को निःसंतानता जैसी शिकायत का सामना करना पड़ता हैं।

PCOD Ke Lakshan Kya Hote Hain: पीसीओडी के लक्षण

दूसरी अन्य बीमारियों की समस्याओं की तरह PCOD के भी कुछ विशेष लक्षण या सिंटम्स होते हैं जो इस प्रकार की समस्या से पीड़ित महिलाएं खुद में या स्वयं ही अनुभव कर सकती है। ये अनुभव सामान्य अनुभव से कुछ अलग होते हैं। इन लक्षणों या सिम्टम्स की सहायता से ही महिलाएं या डॉक्टर्स इस बात का अनुमान लगाते हैं कि किसी महिला को PCOD की समस्या है या नहीं हैlPCOD आज एक सामान्य बिमारी बन गई है।

पीसीओडी के प्रमुख लक्षणों में निम्न शामिल हैं:
तो आईए दोस्तों जानते है PCOD के लक्षणों के बारे में

पीरियड्स का नियमित रुप से न आना।
शरीर के विशेष अंगो पर अतिरिक्त बालों का आना।
सर के बालों का झड़ना तथा बालों का पतला होना।
श्रोणि में अधिक दर्द का होना।
त्वचा का सामान्य से ज्यादा तैलीय होना।
इन सबके अतिरिक्त, PCOD की बिमारी से जूझ रही महिलाओं में कुछ अन्य प्रकार के लक्षण जैसे ब्लड प्रेशर बढ़ना, सिर में दर्द की समस्या, नींद का नहीं आना, कुछ कुछ समय में नींद का खुलना आदि अन्य परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है।
और तो और PCOD से पीड़ित महिलाओं को गर्भधारण या प्रेगनेसी कंसिव करने में भी बहुत परेशानी या दिक्कतें आती है। यदि आप भी PCOD की बिमारी से पीड़ित है और आप भी गर्भधारण या प्रेगनेंसी कंसिव करना चाहती हैं तो आपको अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से जरूर परामर्श लेने की आवश्यकता है।
इस प्रकार की स्थिति में किसी विषेषज्ञ डॉक्टर से ही परामर्श लें।
और उनके द्वारा बताए गए इलाज को जल्द से जल्द नियमित कर दे
कुछ माह के ट्रीटमेंट से आप इस बिमारी से निजात पा सकती है।

PCOD Kyon Hota Hai: पीसीओडी के कारण है

पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम या PCOD के होने के कई कारण होते हैं
जैसे कि प्रमुख रूप से आपकी दिनचर्या या आपकी जीवनशैली का अनियमित तथा अस्वस्थ्य होना, प्रतिदिन व्यायाम न करना, रोजाना योग तथा मेडिटेशन नहीं करना और रोजाना के खान-पान में लापरवाही करना, बाहर के चाइनीज फूड का ज्यादा सेवन करना। इसके अतिरिक्त,अन्य कारणों में निम्नकारण शामिल हो सकते हैं। जैसे किकुछ मामलों में आनुवंशिक कारण का होना भी सामने आया है।
एक अन्य कारण पीरियड्स का असंतुलन होना।
असामान्य वजन बढ़ना यानी अधिक मोटापा का होना।

सिगरेट, शराब या नशीले पदार्थों का सेवन करना।
महिलाओं के शरीर में इंसुलिन की मात्रा अधिक होना।
प्रतिदिन की डाइट में विटामिंस, प्रोटिंस जैसे पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का शामिल नहीं होना।
PCOD के होने के कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे कि रात्रि में बहूत देर तक जगना और फिर दिन में बहुत देर तक सोना, बहुत अधिक तनाव या परेशानी में रहना, शरीर के हार्मोन से संबंधित किसी अन्य समस्या से ग्रसित होना आदि। दोस्तों ऊपर दिए गए कारणों को ध्यान में रखकर, अगर कुछ विशेष सावधानियां रखी जाएं तो PCOD का खतरा बहुत अधिक मात्रा में कम हो सकता है।

PCOD Ko Kaise Khatm Karen: पीसीओडी को जड़ से कैसे खत्म करें

PCOD विशेषज्ञ डॉक्टर्स का ऐसा मानना है कि PCOD को जड़ से ख़त्म करना मुश्किल है, लेकिन अपनी दिनचर्या में विशेष परिवर्तन, स्वस्थ आहार, नित्य प्रति योग, व्यायाम और मेडिटेशन तथा कुछविशेष दवाओं की सहायता से इसके लक्षणों को संतुलित यानी कंट्रोल किया जा सकता है।
PCOD से ग्रसित महिलाओं को गर्भधारण करने में बहुत कठीनाई हो सकती है इसलिए वह इस बिमारी का समय रहते इलाज करवाएं।

Conclusin: निष्कर्ष

PCOD से ग्रसित महिलाओं को घरेलू नुस्खे अपनाने के साथ-साथ किसी PCOD विषेषज्ञ डॉक्टर से सलाह-मशवरा लेने की आवश्यकता होती है। सभी का शरीर एक समान नहीं होता है। किसी को घरेलू उपायों से लाभ मिल सकता है तो किसी को डॉक्टर्स की दवाइयों से। अतः आप अपने डॉक्टर्स से परामर्श ज़रूर लें।

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