diwali Par bhai Dooj का त्यौहार क्यों मनाया जाता है 2023 | Bhai Dooj Kab hai 2023 Mein

भाई दूज, भारतीय पर्वों का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो भाई-बहन के प्यार और सम्मान का प्रतीक है। यह त्योहार हर साल द्वितीया तिथि को मनाया जाता है, जो कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि होती है। इसे अन्य नामों से भी जाना जाता है, जैसे यम द्वितीय, भाई टिका, भैया दूज आदि।

भाई दूज का महत्व इसमें है कि यह भाई-बहन के बीच के प्यार और सम्मान का प्रतीक होता है। इस दिन बहन अपने भाई की लंबी आयु और सुख-संपत्ति की कामना करती है और भाई उसका आशीर्वाद देता है। बहन अपने भाई की मांग के अनुसार उसका पसंदीदा भोजन बनाती है और उसे खिलाकर उसका ख्याल रखती है।

इस दिन भाई भी अपनी बहन के लिए उपहार लेकर आते हैं और उनका आभूषण करते हैं। वे भाई-बहन के प्यार को मनाते हैं और एक-दूसरे के साथ वक्त बिताते हैं।

भाई दूज का अर्थ है कि भाई के द्वारा उसकी बहन की रक्षा की जाती है और बहन अपने भाई के लिए उसकी लंबी आयु और सुख-संपत्ति की कामना करती है। इसके अलावा, यह एक आपसी प्यार और सम्मान का त्योहार है जो भारतीय परिवारों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

Bhai Dooj 2023 Mein kab Hai

इस साल भाई दूज 15 नवंबर को मनाई जायेगी |

भाई दूज की शुरुआत कैसे हुई

भाई दूज की शुरुआत हिन्दू पौराणिक कथा के अनुसार हुई है। इसके पीछे एक कारण छिपा है जो बहन और भाई के बीच मजबूत बंधन की प्रतीक्षा करता है। यह कथा विभिन्न स्त्री-पुरुष द्वारा मनाया जाता है, लेकिन भाई-बहन के बीच के आपसी प्यार और सम्मान का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

कथा के अनुसार, भगवान कृष्ण और उसकी बहन सुभद्रा के बीच में एक दिन एक बड़ी लड़ाई हो गई थी। उस लड़ाई में भगवान कृष्ण के हाथ में चोट आई थी, और उनकी हत्थियार गिर गई थी। इस परंपरागत कथा के आधार पर, भाई दूज का त्योहार उन बहनों और भाइयों के लिए मनाया जाता है जो अपने भाई के लिए उनकी रक्षा करती हैं और उनकी लंबी आयु और सुख-संपत्ति की कामना करती हैं।

इस प्रकार, भाई दूज एक प्यार और सम्मान का महत्वपूर्ण त्योहार है जो भाई-बहन के बीच के सजीव बंधन को मनाने का एक अच्छा अवसर प्रदान करता है।

Bhai dooj ki kahani 2023

भाई दूज का महत्वपूर्ण कथा हिन्दू पौराणिक कथाओं में एक प्रसिद्ध कथा है, जिसमें यमराज और उसकी बहन यमुना के बीच का दिलचस्प किस्सा है। इस कथा के अनुसार:

कथा के अनुसार, एक समय पर्वती देवी और लोर्ड शिव के घर पर उनके दो बच्चे थे – गणेश और कार्तिकेय। एक दिन पर्वती माता ने अपने दोनों बच्चों को उपदेश दिया कि वे अपने भाइयों और बहनों के साथ अच्छे से रहें और एक-दूसरे का सहारा करें।

इसके बाद, गणेश और कार्तिकेय अपनी मां के आदेश के अनुसार बहुत आदर और सम्मान से अपने भाइयों और बहनों के साथ रहने लगे। इसका परिणाम स्वर्ग में भी दिखाई दिया, और यमराज और उसकी बहन यमुना भी इस प्रेम को देखकर प्रभावित हुए।

एक दिन, यमराज अपनी बहन यमुना के पास गए और उनसे मिलकर खुश हुए। यमराज ने यमुना से कहा कि वह अपने भाई यम के साथ एक विशेष भोजन बनाएं, जिसमें उन्हें आशीर्वाद देंगे। यमुना ने खुशी-खुशी तैयारी की और विशेष भोजन बनाया।

फिर, यमराज और यमुना ने यम को बुलाया और उन्होंने उसके साथ विशेष भोजन किया। उन्होंने भाइयों का प्यार और सम्मान महसूस किया और उन्हें बहुत खुश देखा। उन्होंने भाइयों को आशीर्वाद दिया कि वे हमेशा सुखमय और लम्बी आयुवान रहें।

इसी दिन को भाई दूज के रूप में मनाने का परंपरागत आदान-प्रदान हुआ, जिसमें बहन अपने भाइयों के साथ विशेष भोजन तैयार करती हैं और उन्हें आशीर्वाद देती हैं। इस तरीके से भाई दूज भाई-बहन के प्यार और सम्मान का प्रतीक होता है, और इसे हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है।

Bhai dooj slogan

  1. “भाई-बहन का प्यार, भाई दूज का त्योहार।”
  2. “भाई के बिना जीवन अधूरा, भाई दूज का मनाओ सवेरा।”
  3. “बहन की ममता, भाई का साथ, भाई दूज पर बढ़े यह प्यार का सफर।”
  4. “भाई दूज की हार्दिक शुभकामनाएँ, भाई-बहन के आपसी प्यार का प्रतीक।”
  5. “भाई दूज के इस पावन मौके पर, भाई-बहन का दिल सदा बहुत प्यार से भरा रहे।”
  6. “भाई की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी, भाई दूज पर खुशियों का त्योहारी।”
  7. “भाई दूज के इस खास मौके पर, भाई-बहन का आपसी प्यार बढ़ता रहे।”
  8. “भाई की रक्षा हमारा कर्तव्य, भाई दूज पर बढ़े सभी की खुशियाँ और मस्ती।”
  9. “भाई दूज के इस प्यारे दिन पर, भाई-बहन का आपसी समर्थन हमेशा बना रहे।”
  10. “भाई-बहन का प्यार हमें सदा मिले, भाई दूज के त्योहार में खुशियों की बहार हो।”

bhai dooj Ka mahatva

भाई दूज, हिन्दू पर्वों में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो भाई-बहन के प्यार और सम्मान का महत्वपूर्ण प्रतीक है। इसे कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है, और यह त्योहार पूरे भारत में खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। निम्नलिखित कुछ महत्वपूर्ण कारण भाई दूज का महत्व बताते हैं:

  1. परिवार के बंधन का स्त्री-पुरुष समान समर्थन: भाई दूज एक मौका है जब परिवार के सभी फ़ैमिली मेंबर्स एक साथ आते हैं और अपने भाई-बहन के बीच अपने प्यार और समर्थन का प्रतीक देते हैं।
  2. भाई-बहन के प्यार का प्रकटीकरण: इस दिन भाई और बहन एक-दूसरे के साथ अपने मन में छिपे प्यार और आपसी संबंध को व्यक्त करते हैं।
  3. भाई की रक्षा: भाई दूज का एक महत्वपूर्ण पहलू है भाई की रक्षा का। बहन अपने भाई की लंबी आयु और सुख-संपत्ति की कामना करती है और उसकी सुरक्षा का वचन देती है।
  4. आपसी समर्थन: इस त्योहार में, भाई और बहन एक-दूसरे के आपसी समर्थन का प्रतीक देते हैं और अपने आपसी बंधन को मजबूती से महसूस करते हैं।
  5. समाज में एकता और परिवार के महत्व का संदेश: भाई दूज समाज में परिवार के महत्व को याद दिलाता है और समाज के लोगों को एक साथ आने की प्रोत्साहित करता है।


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