Vijayadashami Kab Hai 2023 Mein | Dussehra Kab Hai 2023 Mein | जानिये क्यो मनाई जाती है

विजयादशमी, भारत में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है जो आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार भाग्य, समृद्धि और विजय की प्रतीक होता है और इसे विजयादशमी, दशहरा या दुर्गा पूजा के नाम से भी जाना जाता है।

विजयदशमी के महत्वपूर्ण प्रसंग:

  1. दुर्गा पूजा: विजयादशमीका आयोजन दुर्गा पूजा के 9 दिनों के उपासना अवसर के बाद किया जाता है। यह नौ दिन के उपवास के बाद मां दुर्गा का प्रतिष्ठापन का समय होता है।
  2. रामलीला: विजयादशमीके दिन, भारत भर में रामलीला नाट्य आयोजन होते हैं, जिसमें भगवान राम के जीवन के महत्वपूर्ण घटनाओं का दिखाया जाता है। यह रामायण की कथा का प्रस्तुतिकरण होता है।
  3. विजयादशमी का महत्व: विजयादशमी के दिन को विजयादशमी कहा जाता है, जिसका अर्थ होता है “विजय का दिन”। इस दिन को भगवान राम ने लंका के राक्षस राजा रावण को मारकर विजय प्राप्त की थी।
  4. दशहरा की रात: विजयादशमी की रात को विजया दशमी के पासुन के यज्ञ का आयोजन किया जाता है। इसमें मां दुर्गा की पूजा की जाती है और उनके मूर्तियों को विसर्जन किया जाता है।
  5. दुर्गा विसर्जन: दुर्गा पूजा के दिनों के बाद, मां दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन गंगा नदी या अन्य जल स्रोत में किया जाता है। यह उनके आगमन के रूप में माना जाता है।
  6. विजयदशमी के खेल: विजयादशमी के दिन कई स्थानों पर रामलीला में दशहरा के खेल आयोजित किए जाते हैं, जिसमें भगवान राम और रावण के बीच युद्ध का प्रस्तुतिकरण किया जाता है। यहाँ पर अवधि के आस-पास कई दिन तक रामलीला कार्यक्रम चलते हैं।
  7. आदर्शिता विजयदशमी: विजयादशमी का आयोजन भाग्यशाली और विजयी आरंभ के लिए माना जाता है। यह त्योहार लोगों को सफलता की दिशा में बढ़ने के लिए प्रेरित करता है और बुराई को परास्त करने का संकेत होता है।

इस प्रकार, विजयदशमी भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है जो विजय, समृद्धि और आदर्शिता की प्रतीक होता है।

Vijayadashami Kab Hai

इस वर्ष विजयादशमी (Vijayadashami ) कई स्थानो पर 23 और 24 अक्टूबर, 2023 के दिन मनाई जायेगी। लेकिन अधिकतर स्थानो विजयादशमी 24 अक्टूबर 2023 को मनाई जायेगी |

Vijayadashami Khani

दुर्गा पूजा के नौ दिनों के उपासना के बाद, विजयादशमी आता है। यह दिन भगवान राम के और रावण के बीच हुए महायुद्ध का स्मरण कराता है, जिसमें भगवान राम ने रावण को मारकर विजय प्राप्त की थी।

कहानी शुरू होती है अयोध्या नगर में, जहां भगवान राम, माता सीता, और लक्ष्मण ने 14 साल के वनवास का समय काट लिया था। भगवान राम पत्नी सीता माता को रावण द्वारा लेजाने के लिए श्रीलंका के दिशा में बढ़े।

रावण, श्रीलंका का राजा, एक शक्तिशाली राक्षस थे और वह रानी सीता माता को हरण कर लिया था। भगवान राम और लक्ष्मण ने उसकी खोज की और हनुमान जी और वानरों की मदद से उन्होंने रावण के दरबार में पहुंचकर माता सीता को खोज निकाला।

फिर भगवान राम ने अपने वानर सेना के साथ श्रीलंका के खिलवाड़ी द्वीप की ओर बढ़ते हुए रावण के साथ महायुद्ध किया। इस महायुद्ध में भगवान राम ने अपने शिव धनुष शर की तेज धार से रावण को मारा और विजय प्राप्त की।

रावण की मृत्यु के बाद, भगवान राम ने माता सीता को वापस अयोध्या लौटे। उनके वापस आने के खुशी में अयोध्या नगरवासी विजयदशमी के रूप में आनंद मनाते हैं, और यह दिन खुशियों और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

इस रूप में, विजयदशमी भगवान राम के वीरता को और उनकी साहसी पत्नी सीता माता को याद करने का मौका है, और यह भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है।

Vijayadashami Mhatva

विजयदशमी हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार है जो भारतीय समाज में गौरव से मनाया जाता है। इसे दशहरा के नाम से भी जाना जाता है। इस त्योहार का महत्व निम्नलिखित कारणों से होता है:

  1. भगवान राम की विजय: विजयदशमी का महत्व भगवान राम के श्रीलंका यात्रा की विजय के रूप में है। इस दिन, भगवान राम ने रावण को मारकर अयोध्या को विजयी द्वारका किया था। इसलिए विजयदशमी को “विजय” का दिन माना जाता है।
  2. मां दुर्गा की विदाई: विजयदशमी के दिन दुर्गा पूजा के 9 दिनों की उपासना का अंत होता है और मां दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है। इससे मां दुर्गा का आगमन और विदाई का संकेत होता है।
  3. समृद्धि और खुशियाँ: विजयदशमी को सफलता, समृद्धि, और खुशियों का प्रतीक माना जाता है। यह त्योहार लोगों को अच्छाई की ओर बढ़ने और बुराई को परास्त करने का संकेत देता है।
  4. रामलीला: विजयदशमी के दिन भारत भर में रामलीला नाट्य कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जिसमें भगवान राम के जीवन के महत्वपूर्ण प्रसंगों का प्रस्तुतिकरण होता है।
  5. आदर्शिता और साहस: विजयदशमी लोगों को साहस, समर्पण, और आदर्शिता की महत्वपूर्ण बातें याद दिलाता है। यह दिन लोगों को अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रेरित करता है।

Vijayadashami Wishes

  1. “विजयदशमी के इस पावन अवसर पर, आपके जीवन में सफलता, सुख, और समृद्धि का आगमन हो।”
  2. “मां दुर्गा की कृपा आपके ऊपर बनी रहे और आपके जीवन को खुशियों से भर दे। विजयदशमी की शुभकामनाएँ!”
  3. “इस विजयदशमी, आपका जीवन हर तरह की मुश्किलों से मुक्त हो, और आपका मन हमेशा खुशियों से भरा रहे।”
  4. “विजयदशमी के पावन मौके पर, हर बुराई को दुर भगाने और अच्छाई की ओर बढ़ने का अवसर हो।”
  5. “इस विजयदशमी, आपके जीवन को सफलता का सफर मिले और आप हमेशा समृद्धि में बढ़ते रहें।”
  6. “मां दुर्गा की कृपा से, आपका जीवन खुशियों और प्यार से भर जाए। विजयदशमी की शुभकामनाएँ!”
  7. “विजयदशमी के इस खास दिन पर, मां दुर्गा आपके साथ हों और आपके जीवन को आशीर्वाद दें।”
  8. “समर्पण, साहस, और सफलता के आपके मार्ग पर बढ़ते रहें। विजयदशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ!”
  9. “इस धरती पर विजय की ओर बढ़ने का संकेत विजयदशमी के इस अवसर पर मिले।”
  10. “मां दुर्गा के आशीर्वाद से, आपका जीवन हमेशा प्रकासमय और खुशियों से भरा रहे। विजयदशमी की शुभकामनाएँ!”

ये शुभकामनाएँ आपके प्रियजनों और परिवार के साथ साझा करने के लिए हो सकती हैं। विजयदशमी का यह पवित्र दिन आपके लिए खुशियों से भरा हो!

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