भगत सिंह (Bhagat Singh) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान योद्धा में से एक थे। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष किया और आजादी के लिए अपनी जान की क़ुर्बानी दी। उनका जन्म 28 सितंबर 1907 को पंजाब के बांस स्थली (जो अब पाकिस्तान में है) में हुआ था।
भगत सिंह का नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख योद्धाओं में शामिल है, और उन्होंने जलियांवाला बाग में हुई मासूमों के ख़िलाफ़ ब्रिटिश शासन के ख़िलाफ़ विरोध किया। उन्होंने हिंसक उपायों का अंग्रेज सरकार के ख़िलाफ़ प्रयोग किया और 1929 में लाहौर के सेंट्रल जेल में फांसी की सज़ा पाई।
भगत सिंह जयंती के अवसर पर भारत भर में स्कूलों, कॉलेजों, और सार्वजनिक स्थलों पर समारोह आयोजित किए जाते हैं। इस दिन लोग उनके योगदान को याद करते हैं और उनके प्रेरणास्पद जीवन को मानने का संकेत देते हैं।
भगत सिंह जयंती का उद्देश्य उनके साहस, बलिदान, और प्रतिस्थापन को याद दिलाना है जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए उन्होंने किया। उन्होंने देशभक्ति के प्रति अपनी अदम्य भक्ति के लिए प्रसिद्ध हैं और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान योद्धाओं में से एक के रूप में याद किए जाते हैं।
Bhagat Singh Jayanti Kab Hai
हर साल 28 सितंबर को भगत सिंह की जयंती मनाई जाती है।
Shaheed Bhagat Singh College
“शहीद भगत सिंह कॉलेज” (Shaheed Bhagat Singh College) एक प्रमुख कॉलेज है जो दिल्ली विश्वविद्यालय के अधीन स्थित है। यह कॉलेज दिल्ली के दक्षिण-पश्चिम जिले में स्थित है और विज्ञान, विकलांग प्रशासनिक अध्ययन, कला, और विज्ञान में शिक्षा प्रदान करता है। यह कॉलेज छात्रों को विशेष रूप से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर शिक्षा और विकलांग प्रशासनिक अध्ययन के अवसर प्रदान करता है।
इसका उद्घाटन 1967 में किया गया था, और कॉलेज ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाया है। यह कॉलेज अपने उच्च शैक्षिक मानकों, प्रशासनिक पाठ्यक्रमों, और विद्यार्थी जीवन के अद्वितीय अनुभव के लिए प्रसिद्ध है।
शहीद भगत सिंह कॉलेज का नाम भगत सिंह, जैसे महान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के शहीद के नाम पर रखा गया है, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण नेता में से एक थे।
कॉलेज के विषय में अधिक जानकारी और प्रविष्टियाँ, आपको कॉलेज की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर मिल सकती हैं।
Bhagat Singh Death
भगत सिंह की मौत 23 मार्च 1931 को हुई थी। उनकी मौत शाहीदी दिवस के रूप में मनाई जाती है और यह तारीख उनके बलिदान को याद करने के लिए समर्पित है।
भगत सिंह की मौत ब्रिटिश सरकार के खिलाफ संघर्ष के परिणामस्वरूप हुई थी। उन्होंने दिल्ली के लाहौर के सेंट्रल जेल में फांसी की सजा पाई थी, जो कि उनके स्वतंत्रता संग्राम के दौरान किए गए आपत्तिकरण कांड के परिणामस्वरूप हुआ था। उन्होंने अपने जीवन में वत्सला विक्रम सिंह और राजगुरु के साथ देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया और ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ अपनी जान की आहुति दी।
भगत सिंह की मौत का संदेश देशभक्ति और स्वतंत्रता के प्रति उनके समर्पण को सिखाने का है, और उनका बलिदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में याद किया जाता है।
Bhagat Singh Quotes
- “सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना, बाज़ुए क़तिल में है।”
- “इंक़लाब ज़िन्दाबाद!”
- “मुझे अपने देश से बहुत मोहब्बत है, इसलिए मैं उसके लिए मरने के लिए तैयार हूँ।”
- “जिंदगी तो आना चाहिए लोगों के काम आना चाहिए, रे बाबू जी कुतियों में हमारी तहज़ीब आना चाहिए।”
- “अगर भारत में अच्छे दिन आने हैं, तो यह उस दिन से आयेंगे जब हम सब भारतीय आपस में मिलकर अच्छे काम करने लगेंगे।”
- “एक समय ऐसा आएगा कि धरती अपने नीचे दबे हुए विरोधियों के नीचे दबेगी।”
- “आपको मेरा आशीर्वाद मिलेगा कि आपके दिल में उत्साह और आत्मविश्वास हमेशा बना रहे।”
- “इस दुनिया को बदलने के लिए आपको पहले खुद को बदलना होगा।”
ये उद्धरण भगत सिंह के योगदान और विचारों को दर्शाते हैं, जो वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अपने जीवन और विचारों के साथ जुड़े थे।