Hartalika Teej 2023 जानें शुभ मुहूर्त

Hartalika Teej 2023: हरतालिका तीज एक हिन्दू पर्व है जो भारत में मनाया जाता है, और यह पर्व महिलाओं की भगवान शिव के प्रति व्रत, पूजा, और व्रत कथा के माध्यम से मनाया जाता है। यह पर्व विशेष रूप से उत्तर भारत में राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, और झारखंड में मनाया जाता है।

हरतालिका तीज के मुख्य विशेषताएँ:

  1. तीज के व्रत का आयोजन: महिलाएं हरतालिका तीज के दिन व्रत रखती हैं और भगवान शिव का पूजन करती हैं। इसके साथ ही, वे अपने सखियों के साथ एक साथ मिलकर भगवान पार्वती की कथा का सुनाती हैं।
  2. व्रत कथा: हरतालिका तीज की कथा के अनुसार, भगवान शिव की भक्त पार्वती ने अपने पिता की इच्छा के खिलाफ उनके साथ धारण किया था, जिसके बाद वे अपने दोस्त हरतालिका के साथ असंभावित स्थान पर छिप गई थी। इसी कारण इसे “हरतालिका” कहा जाता है। भगवान शिव ने इसके बाद हरतालिका को अपनी पत्नी माना और उनके पूजा की जाती है।
  3. पूजा और व्रत का आयोजन: महिलाएं हरतालिका तीज के दिन सुबह से ही उठकर नियमित रूप से व्रत का पालन करती हैं। वे अपने पूजा स्थल पर बैठकर भगवान शिव की मूर्ति का पूजन करती हैं और तीज व्रत कथा का पाठ करती हैं।
  4. साज-सज्जा: हरतालिका तीज के दिन महिलाएं सुंदर रूप से सज-धजकर व्रत का आयोजन करती हैं। वे सारी अच्छी तरह से तैयार होती हैं और खास धूप, दीपक, और पूजा सामग्री का उपयोग करती हैं।
  5. व्रत का खान-पान: व्रत के दिन व्रत करने वाली महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं, यानी बिना पानी और भोजन के रखती हैं। व्रत का खान-पान सूखे फल, सूखी सब्जियां, और फलाहार व्यंजनों से होता है।
  6. पर्व के रंग: हरतालिका तीज के दिन महिलाएं और लड़कियाँ हरा-कांचन के आभूषण पहनती हैं और अपने हाथों में मेहंदी की डिज़ाइन बनवाती हैं।
  7. सामाजिक आयोजन: हरतालिका तीज के दिन सामाजिक आयोजन भी होते हैं, जिसमें महिलाए

ं और लड़कियाँ एक साथ आकर्षक संगीत, नृत्य, और गीत का आनंद लेती हैं।

हरतालिका तीज एक खुशी और समृद्धि के मौके के रूप में मनाया जाता है और महिलाओं के लिए इसका महत्व बहुत बड़ा होता है। यह पर्व महिलाओं की मित्रता, सौहार्द, और भगवान शिव के प्रति विशेष भक्ति का प्रतीक माना जाता है।

Hartalika Teej 2023 Shubh Muhurat

पंचाग के अनुसार 17 सितंबर को 11 बजकर 8 मिनट से तृतीया तिथि शुरू होगी जो अगले दिन यानी 18 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट तक होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार से यह व्रत 18 सितंबर को ही रखा जाएगा.18 सितंबर को सुबह 6 बजे से रात के 8 बजकर 24 मिनट तक का समय शिव और पार्वती की पूजा के लिए उपयुक्त है.लेकिन शाम को प्रदोष काल के समय पूजा करना बेहद अच्छा माना जाता है.

Hartalika Teej पूजन विधि, सामग्री

हरतालिका तीज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। यहां हरतालिका तीज की पूजा की विधि दी गई है:

सामग्री:

  1. मंदिर या पूजा स्थल
  2. भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्तियाँ या चित्र
  3. गंगा जल या पानी
  4. जल कलश
  5. दीपक और मैच
  6. पूजन की थाली
  7. सिंदूर
  8. रोली
  9. अक्षत (राइस)
  10. कुमकुम (हल्दी)
  11. फूल (गुड़हल, रोज, लोटस)
  12. सुपारी, कट्टू, नारियल
  13. मिठाई (पेड़े, बर्फी)
  14. फल (नाना, नारंगी, केला)
  15. धूप
  16. गुग्गुल
  17. गुड़
  18. इलायची, दालचीनी, नमक, खाने का चमच
  19. जावित्री, जयफल, नकुल या श्रृंगार का सामान
  20. पूजा की थाली

पूजा की विधि:

  1. पूजा स्थल की सजावट: पूजा स्थल को सजाने के लिए एक ब्यासी या सजाने की थाली तैयार करें। थाली पर माता पार्वती और भगवान शिव की मूर्तियाँ रखें।
  2. पूजा संकल्प: ध्यान में रहते हुए पूजा का संकल्प लें कि आप हरतालिका तीज की पूजा कर रहे हैं और इसके साथ ही आप भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिष्ठा कर रहे हैं।
  3. जल कलश पूजा: जल कलश को सजाकर उसमें गंगा जल या पानी डालें। फिर उसे पूजा स्थल पर रखें और उसके चारों ओर रोली बांधें।
  4. मंत्र पाठ: अब भगवान शिव और माता पार्वती के मंत्रों का जाप करें, जैसे कि “ॐ नमः शिवाय” और “ॐ नमः पार्वत्यै च विद्महे। महादेवी च धीमहि। तन्नो पार्वती प्रचोदयात्।।”
  5. धूप और दीपक पूजा: अब धूप का आरती करें और दीपक को प्रज्वलित करें।
  6. पूजा सामग्री का चढ़ाव: माता पार्वती और भगवान शिव की मूर्तियों पर सिंदूर, कुमकुम, अक्षत, फूल, सुपारी, कट्टू, नारियल, मिठाई, फल, इलायची, दालचीनी, नमक, और खाने का चमच चढ़ाएं।
  7. प्रसाद: पूजा के बाद प्रसाद को बांटें और उसका भोजन करें।
  8. व्रत उत्तर: व्रत का उत्तर करने के लिए आप निर्जला व्रत का पालन कर सकते हैं, यानी पानी और भोजन से बचकर।
  9. संगीत और नृत्य: अक्सर इस पर्व के दौरान सामाजिक मिलनसर कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जैसे कि संगीत और नृत्य। इसमें महिलाएं और लड़कियाँ मनोरंजन करती हैं।

इस रूप में, हरतालिका तीज की पूजा करके आप भगवान शिव और माता पार्वती के प्रति अपनी भक्ति का व्यक्ति करते हैं और इस पवित्र दिन का महत्व बढ़ाते हैं।

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