बच्चों में तेजी से फेल रहा है Dengue हो जाइए सावधान जानिए बचाओ Symptoms

डेंगू बुखार (Dengue Fever) एक मौसमी बुखार है जो डेंगू वायरस (Dengue Virus) के कारण होता है, और यह आदिकाल सूचना बदलाव के साथ आमतौर पर बर्फीले क्षेत्रों में प्राप्त होता है। यह एक संक्रामक बीमारी है जिसका प्रमुख प्रसारण काँडू (Aedes) मच्छरों के काटने से होता है, जिनमें डेंगू मच्छर (Aedes aegypti) और डेंगू मच्छर (Aedes albopictus) शामिल हैं।

यहां कुछ मुख्य डेंगू बुखार के विशेषताएँ हैं:

  1. लक्षण: डेंगू बुखार के लक्षण आमतौर पर 3 से 14 दिनों तक के इकाईयों में प्रकट हो सकते हैं। इनमें बुखार, सिरदर्द, पेट दर्द, सर्दी, जुकाम, खांसी, चक्कर आना, आँखों के पीछे के दर्द, और त्वचा पर लाल दाने शामिल हो सकते हैं।
  2. जांच: डेंगू के लिए जांच में ब्लड टेस्ट की जाती है, जिसमें डेंगू वायरस के प्रति प्रतिक्रियाशीलता की जांच की जाती है।
  3. इलाज: डेंगू का विशेष इलाज नहीं होता है। रोगी को आराम करने और पैरेसिटामॉल जैसी दर्दनिवारक दवाओं का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
  4. सुरक्षा उपाय: डेंगू से बचाव के लिए मच्छरों के काटने से बचने के लिए मच्छर नेट का उपयोग करना चाहिए, और जल जमाव को रोकने के लिए पानी को अच्छी तरह से संचित करना चाहिए।
  5. सावधानी: अगर किसी को डेंगू बुखार के लक्षण दिखाई दें तो वह खुद को और अन्य लोगों को मच्छर काटने से बचाने के लिए सख्ती से उपायों का पालन करना चाहिए।

यदि किसी को डेंगू बुखार के लक्षण आएं, तो उन्हें तुरंत चिकित्सक सलाह लेना चाहिए, ताकि सही समय पर उपचार की शुरुआत की जा सके और संक्रामकता को फैलने से रोका जा सके।

Dengue Fever Symptoms In Kids

डेंगू बुखार के लक्षण बच्चों में व्यक्त हो सकते हैं, जो निम्नलिखित हैं:

  1. बुखार (Fever): डेंगू बुखार का प्रमुख लक्षण होता है। इसमें बच्चे का तापमान अचानक बढ़ जाता है, और यह अच्छादिन या दोनों बदल सकता है। बच्च को अधिकांशत: 104 डिग्री फ़ारेनहाइट (40 डिग्री सेल्सियस) के ऊपर का बुखार होता है।
  2. सिरदर्द (Headache): डेंगू के बच्चों में सिरदर्द हो सकता है, जो कभी-कभी अच्छादिन रहता है और आँखों के पीछे दर्द के साथ आता है।
  3. खांसी और जुकाम (Cough and Cold): बच्चे को डेंगू बुखार के साथ खांसी और जुकाम की समस्या हो सकती है।
  4. पेट दर्द (Abdominal Pain): डेंगू के बच्चों में पेट दर्द और उलटी की समस्या हो सकती है।
  5. स्किन रैश (Skin Rash): कुछ बच्चों को डेंगू के बाद त्वचा पर लाल दाने या चकत्ते हो सकते हैं।
  6. थकान (Fatigue): डेंगू बुखार से पीड़ित बच्चे को बेहद थकान महसूस हो सकती है, और वह अधिक अक्तिव नहीं रह सकते।
  7. चिढ़चिढ़ापन और दिमागी चिंता (Irritability and Mental Distress): डेंगू से पीड़ित बच्चों में चिढ़चिढ़ापन और दिमागी चिंता की समस्या हो सकती है, वे अकेलापन का अहसास कर सकते हैं।
  8. खून की कमी (Bleeding Symptoms): कुछ बच्चों को डेंगू से खून की कमी की समस्या हो सकती है, जिसके कारण नाक से खून बह सकता है, मसूदों से खून आ सकता है, और गुब्बारों में खून भर सकता है।

यदि आपका बच्चा इन लक्षणों का सामना कर रहा है और आपको लगता है कि वह डेंगू बुखार से पीड़ित हो सकता है, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। डेंगू के मामले में त्वरित चिकित्सा सहायता जीवन बचा सकती है।

How To Avoid Dengue

डेंगू को रोकने के लिए यहां कुछ महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय दिए गए हैं:

  1. मच्छरों के काटने से बचाव:
  • आपके घर के आस-पास खड़े पानी को दूर करें, क्योंकि यह मच्छरों के लिए बड़ी आकर्षणीय होता है।
  • खिड़कियों और दरवाजों पर मच्छर नेट लगाएं, और रात को सोने से पहले इस्तेमाल करें।
  • खुद को और बच्चों को पूरी तरह से लिपटकर कपड़े पहनने का प्रयास करें, खासकर रात को बाहर जाते समय।
  1. पानी जमाव को रोकने के उपाय:
  • पानी के जमाव को रोकने के लिए घर के आस-पास के इलाकों में पानी को संकटों से बचाएं।
  • पानी के संचित करने वाले जगहों में जाने से बचें, जैसे कि ड्रेन और जल संचार पाइप।
  1. स्वच्छता का ध्यान रखें:
  • अपने घर के आस-पास के इलाकों को स्वच्छ रखें, जिसमें खड़ा पानी, खाद्य बाज़ार, और सार्वजनिक स्थल शामिल हैं।
  • अपने पौधों को सूखा दें, ताकि उनमें पानी जमाव न हो सके और मच्छर प्रचुरता को कम किया जा सके।
  1. सूचना प्रसारण को रोकने के उपाय:
  • डेंगू से पीड़ित व्यक्ति को अलग रखें, ताकि मच्छर उससे संक्रामित नहीं हो सकें।
  • डेंगू वायरस के संचार को रोकने के लिए सभी व्यक्ति को आपसी संपर्क से बचाव करना चाहिए।
  1. वैक्सीनेशन:
  • डेंगू वैक्सीन उपलब्ध है, और यह बच्चों को डेंगू से बचाने में मदद कर सकता है। अपने बच्चे को डेंगू वैक्सीन से टीका लगवाने के बारे में अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
  1. स्वास्थ्य सतर्कता:
  • अपने बच्चे के बुखार और अन्य लक्षणों का सतर्क रहें, और यदि वे डेंगू के संकेत दिखाएं, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

ये सुरक्षा उपाय आपके बच्चों को डेंगू बुखार से बचाने में मदद कर सकते हैं। ध्यान रखें कि डेंगू एक गंभीर बीमारी हो सकती है, इसलिए सभी सुरक्षा उपायों का पालन करना महत्वपूर्ण है।

How To Identify Dengue Mosquito

डेंगू मच्छर को पहचानने के लिए यहां कुछ चरण हैं:

  1. सांख्यिक विशेषताएँ (Physical Characteristics):
  • डेंगू मच्छर का आकार सामान्य मच्छरों से थोड़ा छोटा होता है। यहलगभग 2-10 मिलीमीटर लंबा होता है।
  • इसकी बॉडी का रंग सामान्यत: सफेद से सामान्यत: ब्राउन या ब्लैक होता है।
  • डेंगू मच्छर की पैरों की उंगलियाँ लम्बी होती हैं और इनमें चौड़े, काले बंद बंद होते हैं।
  • इसकी पूंछ की छढ़ी पीछे की ओर की ओर की तरफ़ उच्च होती है, जिससे वह सहारा पाने के लिए उच्चा स्थान चुन सकता है।
  • डेंगू मच्छर के पूंछ की छढ़ी पर छोटे से सफेद रंग के छोटे छोटे धब्बे हो सकते हैं।
  1. जानकारी आधारित पहचान (Behavioral Characteristics):
  • डेंगू मच्छर दिन के समय काफी ज्यादा सक्रिय होता है और खासकर दिन के पहले और दूसरे तिन महीनों में आकर्षित होता है।
  • इसकी काटने की आदत दिन के समय होती है, विशेष रूप से सुबह और संध्या के समय।
  • डेंगू मच्छर का आवास आमतौर पर घरों के आस-पास के इलाकों में होता है, जैसे कि उसके अंडे और लार्वे पानी में होते हैं, खासकर पानी के झरनों, बर्तनों, पौधों के पिछवाड़ों, और ड्रेनेज़ में।
  1. आवाज़ (Sound):
  • डेंगू मच्छर के पूरी तरह खुले हुए पैरों के बजेरे की आवाज़ कुछ अलग होती है। इसके पैरों को पानी के सतह पर छूते समय यह आवाज़ करता है, जिसको डेंगू मच्छर की पहचान में मदद मिल सकती है।

यदि आपको लगता है कि आपके आस-पास डेंगू मच्छरों का प्रसार हो रहा है और आपके चारों ओर के इलाकों में डेंगू बुखार के मामले बढ़ रहे हैं, तो आपको सावधान रहना चाहिए और मच्छरों से बचाव के उपायों का पालन करना चाहिए। यह मदद करेगा डेंगू बुखार को फैलने से रोकने में।

Dengue fever recovery phase

डेंगू बुखार का प्राकृतिक रूप से सुधारने वाला चरण “रिकवरी फेज” कहलाता है। इस चरण में रोगी का स्वास्थ्य सुधारने लगता है, लेकिन कुछ लोगों को इस चरण में भी थकान और दुर्बलता का सामना करना पड़ता है। यहां डेंगू बुखार के रिकवरी फेज की कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं:

  1. शारीरिक सुधार (Physical Recovery): रिकवरी फेज में रोगी का बुखार कम होने लगता है और वह अपनी शारीरिक स्थिति में सुधार देख सकता है। उनकी पेट दर्द और उलटी भी कम हो सकती है। वे अधिकांशत: एक या दो सप्ताह के भीतर पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं।
  2. आहार (Diet): रोगी को पुराने बुखार के दौरान की तरह ही परहेज करने की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन वे सही पोषण लेने के लिए खास ध्यान देना चाहिए। हृदय और पाचन तंत्र की देखभाल के लिए उन्हें अपने आहार में प्रोटीन और फाइबर शामिल करना चाहिए।
  3. आराम और हाइड्रेशन (Rest and Hydration): रोगी को पूरी तरह से आराम करने और पर्याप्त पानी पीने की आवश्यकता होती है। हाइड्रेशन को बनाए रखने के लिए उन्हें पानी, नारियल पानी, और अन्य वायरल फ्लूइड्स पीना चाहिए।
  4. स्वास्थ्य की निगरानी (Monitoring Health): रोगी को अपने स्वास्थ्य को निगरानी में रखना चाहिए। वे अगर किसी गंभीर समस्या का सामना करते हैं, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
  5. दवाओं का सेवन (Medication): डेंगू बुखार के इलाज के लिए कोई खास दवा नहीं होती, लेकिन रोगी को डॉक्टर की सलाह पर दर्द निवारक और अन्य दवाओं का सेवन करना चाहिए।
  6. रेस्ट और वापसी (Recovery Period): डेंगू बुखार के बाद, रोगी को कुछ समय के लिए रेस्ट और वापसी की आवश्यकता होती है। वे अपने शारीरिक स्थिति को पूरी तरह से ठीक होने के लिए अपने डॉक्टर की सलाह पर आधारित रूप से बढ़ाते जाते हैं।

रिकवरी फेज में अपने बच्चे का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का संरक्षण करना महत्वपूर्ण है, और वे अपने डॉक्टर की सलाह

Test for dengue fever

डेंगू बुखार की पहचान के लिए कई प्रकार के परीक्षण (tests) किए जा सकते हैं। यहां डेंगू बुखार के डायग्नोस्टिक परीक्षण के कुछ महत्वपूर्ण प्रकार हैं:

  1. NS1 Antigen Test (एनएस1 एंटीजन परीक्षण): यह परीक्षण डेंगू वायरस के एनएस1 एंटीजन की मौजूदगी को पहचानने के लिए किया जाता है। यह टेस्ट बुखार के पहले 1-7 दिनों के दौरान किया जा सकता है।
  2. RT-PCR Test (रीवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलिमरेज़ेशन चेन प्रतिक्रिया परीक्षण): इस परीक्षण में, डेंगू वायरस के जीनोम को डीएनए और आरएनए के रूप में पहचाना जाता है। यह परीक्षण बुखार के पहले 5-7 दिनों के दौरान सबसे प्राधिकृत होता है।
  3. IgM Antibody Test (आईजीएम एंटीबॉडी परीक्षण): इस परीक्षण में, डेंगू वायरस के IgM प्रतिक्रियाकारी एंटीबॉडी की मौजूदगी को पहचाना जाता है। यह टेस्ट बुखार के बाद कुछ दिनों तक किया जा सकता है, क्योंकि इसमें इम्यूनिटी रेस्पॉन्स की मौजूदगी को पकड़ा जा सकता है।
  4. IgG Antibody Test (आईजीजी एंटीबॉडी परीक्षण): यह परीक्षण बताने के लिए किया जाता है कि व्यक्ति डेंगू से गुजर चुका है और उसके विरुद्ध इम्यूनिटी विकसित है। इस परीक्षण को डेंगू के संक्रमित होने के बाद कुछ सप्ताहों या महीनों के बाद किया जा सकता है।

यदि आपके या आपके बच्चे के डेंगू बुखार के संकेत हैं, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। वे सबसे उपयुक्त परीक्षण की सलाह देंगे और उपचार का मार्ग दिखाएंगे।

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