Baba Garib Nath Mandir

मुज़फ़्फ़रपुर, बिहार, भारत में स्थित “गरीब नाथ मंदिर” एक प्रमुख हिन्दू धार्मिक स्थल है। यहां पर हिन्दू धर्म के भगवान शिव के प्रतिमा की पूजा की जाती है और यह स्थल विशेष रूप से महाशिवरात्रि के दिन और श्रावण मास के सोमवार को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

बाबा गरीबनाथ जन-जन के महानायक है। दूर-सुदूर से पावन गंगाजल कंधे पर कांवर में सहेज कर कठिन डगर को पार करते हुए आस्था और उल्लाष से भरे हुए आबाल्ब्रिध स्त्री-पुरुष भक्त श्रद्धालु यहाँ आ कर गंगाजल से बाबा का अभिषेक करते है ।बाबा उसकी आस्था को स्वीकार करते हुए उसके मन को तृप्त करते है ।कांवर -यात्रा जनास्था का महान सांस्कृतिक पर्व है ।इस आस्था और यात्रा को हार्दिक प्रणाम।

जन-जन का विश्वास देवाधिदेव महादेव में अकारण ही नहीं है।शिव सबके है ।जो भी शुद्ध मन और विश्वास के साथ इनके द्वार पर आता है,उसे दर्शन से केवल कृतार्थ ही नहीं करते बल्कि उसकी मनोकामना भी पूरी करते है। उसके दुखो को दूर करके उसके जीवन में सुख और आनंद का संचार करते है।

Baba Garib Nath Mandir कुछ महत्वपूर्ण जानकारी:

  • स्थान: गरीब नाथ मंदिर, मुज़फ़्फ़रपुर, बिहार, भारत
  • महत्व: यह मंदिर गरीब नाथ जी के प्रतिमा की पूजा के लिए प्रसिद्ध है, और यहां पर भक्तों की भारी संख्या में शिव भक्त आते हैं।
  • तिथियाँ: महाशिवरात्रि और सोमवार के दिन मंदिर पर्वों के अवसर पर बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।
  • मंदिर की संरचना: गरीब नाथ मंदिर का विशाल और आकर्षक संरचना है, और यहां के आस-पास एक बड़ा स्थल है जहां भक्त आकर्षित होते हैं।

यह मंदिर मुज़फ़्फ़रपुर के धार्मिक और पर्व पर्वों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है और यहां के लोग अपनी भक्ति और आस्था के साथ आते हैं।

Baba Garib Nath Mandir Time Table

मंदिर खुलने का समय : प्रातः – 4 बजे से दोपहर 12 बजे तक दोपहर – 2:30 से रात्रि 10 बजे तक आरती – प्रातः 5 बजे एवं रात्रि 9 बजे

Baba Garib Nath Mandir गणेश मेला

बाबा गरीब नाथ मंदिर में गणेश मेला का आयोजन भारत के विभिन्न स्थलों पर आमतौर पर गणेश चतुर्थी के दिन किया जाता है। यह मेला भगवान गणेश की पूजा और ध्यान के लिए एक महत्वपूर्ण समय होता है, और भक्तों द्वारा विशेष आयोजन और पूजा की जाती है। इस दिन मंदिर के चारों ओर आम लोगों की भारी संख्या में आनंद और उत्सव मनाते हैं।

गणेश चतुर्थी का महत्व है क्योंकि यह गणेश भगवान के जन्म के अवसर को मनाने का समय होता है, और इसे धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के साथ मनाया जाता है।

कृपया ध्यान दें कि गणेश मेला की विशेष तिथियां और आयोजन स्थान के अनुसार बदल सकती हैं, इसलिए यदि आप किसी विशेष गणेश मेले के बारे में और जानकारी चाहते हैं, तो आप स्थानीय सूचना स्रोतों या मंदिर प्राधिकृतों से संपर्क कर सकते हैं।

Baba Garib Nath Mandir इतिहास

बाबा गरीबनाथ शिवलिंग का प्राकट्य कब हुआ इसकी सही जानकारी उपलब्ध नहीं हैं। सन 2006 ई. में बिहार राज्य धार्मिक न्यास पार्षद ने मंदिर का अधिग्रहण किया और मंदिर की व्यवस्था के लिए ग्यारह सदस्यों का एक ट्रस्ट बनवाया गया।

मंदिर प्रांगन में जो कल्पवृक्ष जिनकी पूजा होती है वे शिवलिंग के प्राकट्य से भी ज्यादा पुराना है । श्रावण मास में कावरिओं द्वारा सोनपुर से गंगाजल लाकर बाबा पर अर्पित करने की तीव्र शुरुआत सन 1960 के आस-पास से की गई । शिवलिंग जहाँ प्रकट हुए वह क्षेत्र पहले जंगल था ।

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